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मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री करेंगे यूनेस्को की उप-क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ

  • 15 Apr 2023
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

13 अप्रैल, 2023 को प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यूनेस्को, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, भारतीय पुरातत्त्व संरक्षण और पर्यटन विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा संयुक्त रूप से भोपाल में विश्व विरासत पर उप-क्षेत्रीय सम्मेलन (सब-रीजनल कॉन्फ्रेंस) का 17 अप्रैल को शुभारंभ करेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन के लिये भोपाल पहुँच रहे प्रतिनिधि 16 अप्रैल को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल साँची का भ्रमण करेंगे। 17 एवं 18 अप्रैल को कई सत्र आयोजित किये जाएंगे।
  • भारत सहित भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका एवं देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि विश्व विरासत स्थलों के संरक्षण के क्षेत्र में उपलब्धियों, चुनौतियों एवं आगामी रणनीति जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।
  • कॉन्फ्रेंस में अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर विश्व धरोहरों के संरक्षण की दिशा में पिछले 50 वर्षों की उपलब्धियों और अगले 50 वर्षों के संबंध में मंथन होगा, जिसका केंद्र विश्व विरासत और सतत् विकास, विश्व विरासत और सतत पर्यटन, विश्व विरासत और वैश्विक रणनीति, ऐतिहासिक शहरी परिदृश्य जैसे विषय होंगे।
  • सम्मेलन में सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एक एकीकृत दृष्टिकोण पर मंथन होगा।
  • उल्लेखनीय है कि नवंबर 2022 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज कन्वेंशन की 50वीं वर्षगाँठ मनाई गई थी। गत 50 वर्षो में सांस्कृतिक विरासत का अर्थ ‘स्मारक केंद्रित’से परिवर्तित होकर ‘लोक केंद्रित’(People Centric) एवं ‘समग्र दृष्टिकोण’(Holistic approach) पर केंद्रित हो चुका है। ऐतिहासिक नगर, औद्योगिक विरासत, ऐतिहासिक मार्ग, ऐतिहासिक परिदृश्य इत्यादि नए आयाम जुड़ चुके हैं।
  • मध्य प्रदेश ने यूनेस्को के साथ मिलकर इस दिशा में अनेक प्रयास किये हैं जिनमें HUL (ग्वालियर एवं ओरछा) प्रोजेक्ट, 4 ऐतिहासिक/पर्यटन स्थलों का यूनेस्को विश्व धरोहरों की संभावित सूची में चयन आदि मुख्य हैं। HUL प्रोजेक्ट हेतु यूनेस्को द्वारा साउथ एशिया देशों में प्रथम बार ग्वालियर एवं ओरछा का चयन कर अनुशंसा की गई।
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