छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पहले गन्ना आधारित एथेनॉल प्लांट का लोकार्पण किया
- 27 Sep 2023
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
- 26 सितंबर, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 141 करोड़ रुपए की लागत वाले प्रदेश के पहले गन्ना आधारित एथेनॉल प्लांट का लोकार्पण किया।
- प्रमुख बिंदु
- राज्य शासन द्वारा कबीरधाम ज़िले में प्रदेश का गन्ना आधारित सबसे बड़ा और पहला एथेनॉल प्लांट की स्थापना की गई है। एथेनॉल प्लांट की स्थापना को लेकर भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के खाली भूखंड की 35 एकड़ भूमि में निर्माण किया गया है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कृषि पर आधारित एथेनॉल प्लांट प्राथमिकता वाली योजनाओं में है। पीपीपी मॉडल से स्थापित देश के पहले एथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में अनुबंध भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने तथा छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे. बॉयोफ्यूल लिमिटेड के मध्य किया गया है।
- एथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मज़बूत होगा। किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा।
- भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के एमडी भूपेंद्र ठाकुर ने बताया कि इथेनाल प्लांट हाईब्रीड टेक्नालॉजी से बनी है, जिसमें गन्ना पेराई सीज़न के दौरान सीधे गन्ने के जूस से तथा ऑफ सीज़न के दौरान मोलासीस से एथेनॉल बनाया जाएगा।
- गन्ने के रस को एथेनाल में डायवर्ट करने के कारण अधिक जूस की ज़रूरत पडे़गी उसकी पूर्ति के लिये किसानों से अधिक-से-अधिक गन्ना क्रय किया जाएगा। एथेनॉल प्लांट के निर्माण से किसानों को गन्ने के मूल्य का भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सकेगा।
- आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिये निजी क्षेत्र की आर्थिक एवं तकनीकी भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु पी.पी.पी. मॉडल का चयन किया गया है।
- राज्य शासन के निर्णय के पालन में प्रथम चरण में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में पी.पी.पी. मॉडल से एथेनॉल प्लांट की स्थापना की गई है।
- भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा में न्यूनतम 80 के.एल.पी.डी. क्षमता के एथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु देश का पीपीपी मॉडल से पहला उदाहरण होने के कारण निवेशक चयन के लिये प्रक्रिया के सूक्ष्म पहलुओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर निविदा सफलतापूर्वक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से पूर्ण की गई।