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छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने राजधानी में किया छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन के कार्यालय का शुभारंभ

  • 24 Jan 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

23 जनवरी, 2022 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में नवगठित ‘छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन’की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन के राज्य स्तरीय कार्यालय का राजधानी रायपुर में शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रोज़गार के नए अवसरों के सृजन की दिशा में तेजी से काम करने और नियमित रूप से रोज़गार मिशन के कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि उद्योगों और बाज़ार की मांग के अनुसार युवाओं को रोज़गार के लिये तैयार किया जाए, उन्हें प्रशिक्षण देकर विभिन्न ट्रेडों में दक्ष बनाया जाए। 
  • उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में बाज़ार की मांग के अनुसार उत्पादन किया जाए। इन उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और सर्टिफिकेशन के लिये छत्तीसगढ़ में स्थित उच्च तकनीकी संस्थानों का सहयोग लिया जाए। नए स्टार्टअप के लिये बेहतर इको-सिस्टम तैयार किया जाए, जिससे युवाओं को रोज़गार के बेहतर अवसर मिल सकें।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में आगामी पाँच वर्षों में रोज़गार के 12 से 15 लाख नये अवसरों का सृजन करने के उद्देश्य से राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन का गठन किया है।
  • प्रमुख सचिव कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा, रोज़गार एवं छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ.आलोक शुक्ला ने बैठक में छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन पर प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र की प्रगति, गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क, गोधन न्याय योजना, लघु वनोपजों के संग्रहण और वेल्यू एडिशन से रोज़गार के अवसर बड़े पैमाने पर निर्मित हुए हैं। शासकीय और निजी क्षेत्र में भी लोगों को बड़ी संख्या में रोज़गार मिला है, जिसके परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ में बेरोज़गारी की दर घटकर मात्र 2.1 प्रतिशत रह गई है।
  • डॉ. शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन रोज़गार से संबंधित विभिन्न विभागों-पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि, मत्स्य पालन, हार्टीकल्चर, वन, उद्योग, ग्रामोद्योग, नगरीय प्रशासन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, कौशल विकास कार्यक्रम, गौठान, गोधन न्याय योजना, बाड़ी योजना और टी-कॉफी बोर्ड के कार्यों के मध्य समन्वय स्थापित करेगा। 
  • यह मिशन रोज़गारोन्मुखी प्रशिक्षण, सेवा तथा उत्पादन क्षेत्रों में ब्रांडिंग और मार्केटिंग, निजी कंपनियों के साथ सहयोग कर रोज़गार के बेहतर अवसरों के निर्माण के दिशा में काम करेगा। मिशन द्वारा छत्तीसगढ़ के बेहतर उत्पादों और सेवाओं के संबंध में शोध को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ स्टार्टअप के लिये बेहतर इको-सिस्टम निर्मित करने में सहयोग करेगा। 
  • यह रोज़गार के नए अवसरों को निर्मित करने के लिये इको-पर्यटन, एडवेंचर पर्यटन, होम-स्टे, फूड प्रोसेसिंग, वनौषधि, हस्तशिल्प और कोसा व रेशम का बेहतर मार्केट बनाने के लिये काम करेगा।
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