लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

राजस्थान

मुख्यमंत्री ने किया ‘जंगल सफारी’का उद्घाटन

  • 24 May 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

22 मई, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर राज्य के उदयपुर ज़िले में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य में ‘जंगल सफारी’का उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु  

  • जयसमंद अभयारण्य में ‘जंगल सफारी’की शुरूआत से उदयपुर ज़िले में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही प्रदेश में एक प्रमुख इकोटूरिज्म साइट का विकास होगा तथा क्षेत्र में रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।  
  • विदित है कि जयसमंद अभयारण्य में प्रोजेक्ट लेपर्ड के तहत किये गए प्रयासों से वर्तमान में लेपर्ड की संख्या बढ़कर 19 हो चुकी है। 
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने वन एवं वन्यजीव संरक्षण के महत्त्व को समझा और ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की नींव रखी। उसी का परिणाम रहा कि भारत में आज विश्व के 70 प्रतिशत बाघ हैं।  
  • ज्ञातव्य है कि राजस्थान में तीन टाइगर सफारी हैं। हाल ही में राज्य के चौथे टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में रामगढ़ विषधारी को विकसित किया गया है। कुंभलगढ़ टाइगर प्रोजेक्ट हेतु समिति का गठन भी किया गया है। 
  • राज्य सरकार वन और वन्यजीव की सुरक्षा के लिये निरंतर प्रयासरत है। जैव विविधता को बनाए रखने के लिये वर्ष 2010 में ही राजस्थान जैविक विविधता नियम की अधिसूचना जारी की गई।  
  • प्रदेश में 3 राष्ट्रीय उद्यान, 27 वन्यजीव अभयारण्य, 16 कंजर्वेशन रिजर्व और 4 टाइगर प्रोजेक्ट हैं। इन सभी के संरक्षण और संवर्धन के लिये अधिक संवेदनशीलता के साथ कार्य किये जा रहे हैं।  
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वन और पर्यावरण संरक्षण के लिये राज्य सरकार द्वारा कई ऐतिहासिक फैसले लिये गए हैं। इसी क्रम में प्रदेश में वन्यजीव, वन क्षेत्र एवं इकोटूरिज्म का निरंतर विकास किया जा रहा है। 
  • वर्तमान राज्य सरकार द्वारा ही इको-टूरिज्म पॉलिसी-2021 लागू की गई। साथ ही सरिस्का और मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बॉर्डर होमगार्ड लगाकर विशेष बाघ संरक्षण बल की स्थापना की गई है, जो कि एक अनूठी पहल है।  
  • इको-टूरिज्म के लिये प्रत्येक ज़िले में वन क्षेत्रों के निकट दो-दो इको-टूरिज्म लव-कुश वाटिका विकसित की जा रही है।  
  • चूरू के तालछापर अभयारण्य में वन्यजीव प्रबंधन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है तथा चंबल घड़ियाल अभयारण्य में पर्यटन की दृष्टि से बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।  
  • राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण के लिये केंद्र सरकार, भारतीय वन्य जीव संस्थान और राज्य सरकार के बीच हुए करार से जैसलमेर में गोडावण का कृत्रिम प्रजनन केंद्र शुरू किया गया। 
  • जयपुर के झालाना डूंगरी स्थित विश्व वानिकी उद्यान की तर्ज पर जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर और अजमेर में भी वानिकी उद्यान विकसित किये जा रहे हैं।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2