हरियाणा
मुख्यमंत्री ने किया पिंजौर में हॉट एयर बैलून सफारी का शुभारंभ
- 09 Nov 2023
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चर्चा में क्यों?
8 नवंबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के पंचकूला ज़िले में स्थित ‘गेट वे ऑफ हिमाचल’कहे जाने वाले पिंजौर में हॉट एयर बैलून सफारी का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और स्कूल शिक्षा और विरासत एवं पर्यटन मंत्री कंवर पाल के साथ सबसे पहले हॉट एयर बैलून सफारी की सवारी की।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हॉट एयर बैलून सफारी सुरक्षा की दृष्टि से काफी सुरक्षित है। हॉट एयर बैलून संचालित करने वाली कंपनी ने सुरक्षा सर्टिफिकेट प्राप्त किये हुए हैं।
- हॉट एयर बैलून सफारी का आनंद उठाने के लिये 13 हज़ार रुपए प्रति सवारी प्रति राइड का खर्चा आएगा। इसमें वही लोग सवारी कर पाएंगे जो स्वास्थ्य संबंधी मापदंडों को पूरा करेंगे। राज्य सरकार कंपनी को दो साल के लिये वीजीएफ के तौर पर 72 लाख रुपए देगी।
- इस क्षेत्र में हॉट एयर बैलून सफारी की शुरुआत होने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। इससे एक ओर जहाँ पर्यटकों को पहले से चल रही पर्यटन की गतिविधियों के अलावा उनकी यात्रा में नया अनुभव साझा करने को मिलेगा तो वहीं पिंजौर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से भी अवगत हो सकेंगे।
- मुख्यमंत्री ने शिवालिक पर्वत श्रृंखला में स्थित पंचकूला को साहसिक खेल गतिविधियों का केंद्र बनाया है। प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन मोरनी भी पंचकूला में ही स्थित है। मोरनी हिल्स के पास टिक्करताल क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी, जेट स्कूटर, पैरा सेलिंग और ट्रेकिंग जैसे एडवेंचर खेलों की शुरुआत करने के बाद अब पिंजौर को भी पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिवालिक पर्वत क्षेत्र के साथ-साथ अरावली क्षेत्र को भी पर्यटन के रूप विकसित कर रही है। राज्य सरकार द्वारा अरावली पर्वत श्रृंखला में पड़ने वाले गुरुग्राम और नूंह ज़िलों की 10,000 एकड़ भूमि पर दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित किया जा रहा है। इससे अरावली पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ गुरुग्राम और नूंह क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
- विदित हो कि देवभूमि हिमाचल का गेट-वे माने जाने वाले पिंजौर का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है, इसे महाभारत कालीन स्थल भी माना जाता है। यह स्थल अपने भीतर हज़ारों वर्ष पुराने प्राचीन इतिहास को संजोए हुए है। यहाँ जगह-जगह प्राचीन इतिहास के अवशेष विद्यमान हैं।
- ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान अज्ञातवास का एक बड़ा समय यहां बिताया था, जिसके प्रमाण आज भी पिंजौर में देखने को मिलते हैं। इतना ही नहीं, यहां स्थित यादविंद्रा गार्डन, जिसे पिंजौर गार्डन भी कहा जाता है, जो बेहद प्रसिद्ध है। यह मुगल गार्डन शैली का एक उदाहरण है।