मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों की शरुआत | 07 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
6 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिये सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- इस मौके पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों की जानकारी देने वाले ब्रॉशर का भी विमोचन किया।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति से लोगों को जोड़ कर रखने तथा स्थानीय खेलकूद को बढ़ावा देने के लिये मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई है। इससे स्थानीय लोगों को एक तरफ खेल का मंच मिलेगा, वहीं उनमें खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और खेल भावना का भी विकास होगा।
- 6 अक्टूबर से 6 जनवरी, 2023 तक चलने वाले इस ओलंपिक में दलीय एवं एकल श्रेणी में 18 वर्ष से कम, 18 से 40 वर्ष एवं 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं।
- इस ओलंपिक में दलीय एवं एकल श्रेणी में 14 तरह के पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है। इसमें दलीय श्रेणी में गिल्ली-डंडा, पिट्ठुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसे खेल शामिल किये गए हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ और लंबी कूद शामिल हैं।
- इसके अलावा इसमें वालीबॉल, हॉकी और टेनिस बॉल तथा क्रिकेट को भी शामिल किया गया है।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति व सभ्यता एवं विशिष्ट पहचान यहाँ की ग्रामीण परंपराओं और रीति-रीवाजों से है। इसमें पारंपरिक खेलों का विशेष महत्त्व है। पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ के इन खेलों को लोग भूलते जा रहे थे। खेलों को चिरस्थायी रखने, आने वाली पीढ़ी से इनको अवगत कराने के लिये छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों की शुरुआत की गई है।
- छत्तीसगढ़ के ये खेल मनोरंजक होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिये भी लाभदायक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इन खेलों से बच्चे, बुजुर्ग व युवा सभी व्यायाम आदि शारीरिक गतिविधियों से जुड़ते हैं।
- उल्लेखनीय है कि 6 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ में स्थानीय और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में नई पहल करते हुए इस वर्ष से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल का आयोजन किये जाने का निर्णय लिया गया था।