मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को त्यागपत्र सौंपा | 04 Dec 2023
चर्चा में क्यों?
3 दिसंबर, 2023 को राजस्थान में विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने और कॉन्ग्रेस की हार के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजभवन पहुँचकर राज्यपाल कलराज मिश्र को मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र सौंपा।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल मिश्र ने तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का त्यागपत्र स्वीकार करते हुए, उनसे राज्य में नई सरकार के गठन होने तक कार्य करते रहने का आग्रह किया।
- विदित हो कि राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में भारतीय जनता पार्टी ने 199 सीटों में से 115 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं कॉन्ग्रेस को 69, जबकि अन्य पार्टियों और निर्दलियों को कुल 15 सीटें मिलीं।
- अशोक गहलोत 7वीं लोकसभा (1980-84) के लिये वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में प्रतिनिधित्व किया। 1998 में वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बने।
- सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य बने। गहलोत इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं और 13वीं राजस्थान विधानसभा के लिये पुन: निर्वाचित हुए। वे 14 और 15वीं राजस्थान विधानसभा में भी निर्वाचित हुए व मुख्यमंत्री बने।
- उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पी.वी. नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। वे तीन बार केंद्रीय मंत्री बने। जब इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं, तब अशोक गहलोत 2 सितंबर, 1982 से 7 फरवरी, 1984 की अवधि में इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे। इसके बाद गहलोत खेल उपमंत्री बने।
- 31 दिसंबर, 1984 से 26 सितंबर, 1985 की अवधि में गहलोत ने केंद्रीय पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके पश्चात् उन्हें केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री बनाया गया। गहलोत इस मंत्रालय के 21 जून, 1991 से 18 जनवरी, 1993 तक मंत्री रहे।