राजस्थान
मुख्य न्यायाधिपति ने ‘आरएसएलएसए (रालसा) एट ए ग्लांस’ पुस्तक का किया विमोचन
- 28 Jun 2023
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चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्य पीठ (जोधपुर) में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति तथा आरएसएलएसए (रालसा) के मुख्य संरक्षक ऑगिस्टिन जार्ज मसीह की अध्यक्षता में रालसा की उपलब्धियाँ एवं गतिविधियों को समाहित करते हुए तैयार की गई पुस्तक ‘आरएसएलएसए एट ए ग्लांस’का विमोचन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही दो जनकल्याणकारी स्कीम विशेष योग्यजनों के हितार्थ उनका पहचान पत्र सुनिश्चित करने एवं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं यथा कृत्रिम अंग एवं अन्य लाभ उपलब्ध कराने के लिये योजना व आदर्श विधिक सेवा केंद्र योजना को लॉन्च किया गया।
- राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष, न्यायाधिपति मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि ‘आरएसएलएसए एट ए ग्लांस’पुस्तक का विमोचन, दिव्यांग व्यक्तियों को यू.डी.आई.डी. सर्टिफिकेट व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये योजना तथा प्रत्येक संभाग में दूरस्थ तालुका विधिक सेवा समिति में आदर्श विधिक सेवा केंद्र की योजना का शुभारंभ किया गया है।
- विशेष योग्यजन के चिह्नीकरण की दिशा में प्रारंभ की गई इस योजना से प्रत्येक विशेष योग्यजन को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र अर्थात् यू.डी.आई.डी. प्राप्त हो सकेगा और यू.डी.आई.डी. के अभाव में कोई व्यक्ति राज्य की कल्याणकारी योजनाओं या कृत्रिम अंग प्राप्त करने से वंचित नहीं रहेगा।
- रालसा द्वारा चिह्नित की गई आदर्श तालुकाओं में विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर आमजन को न केवल कानून के प्रति जागरूक किया जाएगा बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए उनका लाभ दिलाया जाना भी सुनिश्चित किया जाएगा।
- मुख्य न्यायाधिपति ऑगिस्टिन जार्ज मसीह ने बताया कि ‘रालसा एट ए ग्लांस’पुस्तक रालसा की सराहनीय उपलब्धियों और वंचित वर्गों को कानूनी सहायता प्रदान करने के प्रति रालसा की अटूट प्रतिबद्धता की झलक पेश करती है।
- विशिष्ट योग्यजनों की पहचान करने और उन्हें यू.डी.आई.डी. प्रदान करने की यह योजना निश्चित रूप से एक प्रगतिशील कदम है। इससे विशिष्ट योग्यजनों को समाज की मुख्यधारा में शामिल हाने के साथ ही समान अधिकार व अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
- रालसा के द्वारा शुरू किये गए आदर्श विधिक सेवा केंद्र को ज़रूरतमंद लोगों को उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति की परवाह किये बगैर विधिक सहायता उपलब्ध कराएंगे जिससे वे कानूनी परिदृश्य से निपटने के लिये सशक्त हो सकेंगे।