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छत्तीसगढ़

वन अधिकार दावों को मान्यता देने में छत्तीसगढ़ अग्रणी

  • 28 Aug 2021
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

27 अगस्त, 2021 को छत्तीसगढ़ के केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में आयोजित आदिम जाति कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि छत्तीसगढ़ व्यक्तिगत तथा सामुदायिक वन अधिकार के दावों को मान्यता देने में पूरे देश में अग्रणी राज्य है।

प्रमुख बिंदु

  • प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य में अब तक 4 लाख 86 हज़ार व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र के अंतर्गत 21 लाख 95 हज़ार 228 हेक्टेयर रकबा की भूमि वितरित की गई है।
  • इनमें व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र के तहत 4 लाख 41 हज़ार 502 हितग्राहियों को 3 लाख 60 हज़ार 619 हेक्टेयर रकबा और 44 हज़ार 524 सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र के तहत 18 लाख 34 हज़ार 609 हेक्टेयर रकबा की वितरित भूमि शामिल है।
  • इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में जनजातीय वर्ग के लोगों के हित में चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी ली और इसका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित कर उन्हें अधिक-से-अधिक लाभ पहुँचाने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने जनजातीय वर्ग के समग्र उत्थान और उनकी उद्यमिता दक्षता के विकास पर विशेष ज़ोर दिया।
  • साथ ही, उन्होंने प्रदेश के वनांचल तथा आदिवासी दूरस्थ क्षेत्रों में जनजातीय वर्ग के स्वास्थ्य सुधार और बेहतर जीवनयापन की दिशा में संबंधित विभागों को समन्वित रूप से कार्य करने के भी निर्देश दिये। इसी तरह जनजातीय वर्ग के समग्र विकास हेतु उनकी शिक्षा तथा स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हुए उन्हें अधिक-से-अधिक रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये निर्देशित किया।
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