छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी नंबर वन | 05 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
4 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी ने 85.71 फीसदी प्लांट लोड फॅक्टर (पीएलएफ) हासिल कर देशभर के 33 बिजली घरों को पछाड़ कर पहला स्थान प्राप्त किया है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्र सरकार के उपक्रम सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण) नई दिल्ली ने 33 स्टेट सेक्टर में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी को बेहतर परफार्मेंस के लिये पहली तिमाही में पहली रैंकिंग दी है।
- छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी की क्षमता 2840 मेगावाट है, जिसमें 85.71 प्रतिशत पीएलएफ (प्लांट लोड फैक्टर) के साथ पहला स्थान हासिल किया है। दूसरे स्थान पर ओडिशा पॉवर जनरेशन कॉर्पोरेशन है। जिसका प्लांट लोड फैक्टर 84.98 फीसदी रहा है।
- विदित है कि केंद्र सरकार का उपक्रम सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण) नई दिल्ली हर तीन महीने में रैंकिंग जारी करता है।
- देशभर के 33 स्टेट सेक्टर में औसत पीएलएफ 66.97 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ के संयंत्रों ने 85.71 प्रतिशत विद्युत उत्पादन किया है। पूरे भारत में सभी थर्मल पावर प्लांटों का औसत पीएलएफ 70.02 प्रतिशत रहा। यानी सभी संयंत्रों से अधिक उत्पादन छत्तीसगढ़ के संयंत्रों में हुआ।
- जनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार कटियार ने बताया, अप्रैल-मई-जून के उत्पादन के आधार पर रैंकिंग मिली है। इस दौरान प्रदेश में भीषण गर्मी की स्थिति थी। सभी राज्यों में बिजली की बहुत अधिक मांग थी। छत्तीसगढ़ में 18 अप्रैल को बिजली की मांग 5878 मेगावाट तक पहुँच गई थी।
- ऐसी परिस्थिति में जनरेशन कंपनी के संयंत्रों ने लगातार बिना रूके कार्य किया और प्रदेश में बिना पॉवर कट के निर्बाध विद्युत आपूर्ति जारी रखी। खासकर इस वर्ष हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र (डीएसपीएम) कोरबा पूर्व तथा अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र मड़वा ने बेहतर उत्पादन किया है।
- 1984 में स्थापित हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा पश्चिम के यूनिट क्रमांक 04 ने 162 दिन 12 घंटे बिना थमे विद्युत उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है, पहले इस यूनिट से अधिकतम 111 दिन 9 घंटे तक ही लगातार विद्युत उत्पादन हुआ था।