छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद का होगा गठन | 08 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों के संरक्षण के लिये छत्तीसगढ़ अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद के गठन का निर्णय लिया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद के गठन से इस वर्ग के लोगों के लिये कार्यक्रम के संचालन हेतु अनुशंसा एवं क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिये इस वर्ग के लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी।
- इससे अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की समस्याओं के निदान में तेज़ी आएगी और जीवन स्तर में तेज़ी से सकारात्मक बदलाव आएगा। इस परिषद में वर्ग विशेष की समस्या, आवश्यकता पर विचार किया जाएगा। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण संबंधी निर्णय लिये जाएंगे।
- इस परिषद के गठन से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के हित में संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिये बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिये नवीन योजनाओं एवं कार्यक्रमों के निर्माण में भी मदद मिलेगी।
- परिषद में इस वर्ग के चुने हुए प्रतिनिधि सदस्य समाज की स्थिति एवं समस्याओं के निराकरण में सहभागी बनेंगे। इससे अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याणकारी कार्यक्रमों के संचालन में आसानी होगी।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जनजाति से संबंधित विषयक पर अनुशंसा के लिये छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सलाहकार परिषद का गठन पूर्व में ही हो चुका है। इसी तर्ज़ पर छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद का गठन किया जा रहा है।
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इस परिषद के अध्यक्ष होंगे तथा भारसाधक मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। परिषद में कुल 40 सदस्य होंगे, जिसमें राज्य विधानसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्वाचित कम-से-कम 10 निर्वाचित सदस्य होंगे तथा शेष सदस्य राज्य शासन द्वारा मनोनीत होंगे।