छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन | 13 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के वनांचल में उगाई जाने वाली कोदो-कुटकी और रागी फसल को प्रोत्साहन देने के लिये मिलेट मिशन की शुरुआत की गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस मिशन से वनांचल में लोगों के पोषण स्तर पर वृद्धि होगी। वहीं इन फसलों के वैल्यु एडिशन से रोज़गार भी मिलेगा तथा किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।
- मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर कोदो-कुटकी के लिये जहाँ समर्थन मूल्य घोषित किया गया है, वहीं ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ में इन फसलों को शामिल कर इनके लिये इनपुट सब्सिडी देने का भी प्रावधान किया गया है।
- लघु धान्य फसलों में पाए जाने वाले भरपूर पोषक तत्त्वों को ध्यान में रखते हुए उत्तर बस्तर (कांकेर) ज़िले में ज़िला प्रशासन और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा ज़िले के किसानों को मिलेट मिशन के तहत उन्नत खेती के लिये जानकारी दी जा रही है।
- कोदो-कुटकी के उत्पादन और संग्रहण के लिये किसान विकास समिति का गठन किया गया है, जिसमें 300 परिवार जुड़े हैं।
- लघु धान्य फसलों के वैल्यु एडिशन के लिये कृषि विज्ञान केंद्र कांकेर और दुर्गुकोंदल विकासखंड के ग्राम गोटुलमुंडा में प्रसंस्करण इकाई लगाई गई है। इन दोनों इकाईयों में एक-एक महिला समूहों द्वारा प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है।
- संग्रहण एवं प्रसंस्करण कार्य में लगी स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 850 से अधिक मानव दिवस का रोज़गार उपलब्ध कराया गया है। ज़िला प्रशासन की पहल पर लघु धान्य फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों और महिला समूहों को इस प्रसंस्करण केंद्र से जोड़ा गया है।
- इस केंद्र में तैयार किये गए उत्पाद आंगनबाड़ियों के माध्यम से कुपोषित, रक्ताल्पता से ग्रसित व गर्भवती माताओं तथा कुपोषित बच्चों को कोदो चावल खिचड़ी के रूप में एवं रागी को हलवा के रूप में प्रदान किया जा रहा है।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य न केवल 3 हज़ार रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है, बल्कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना का विस्तार करते हुए अब कोदो-कुटकी की फसल लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ 9 हज़ार रुपए और धान के बदले कोदो-कुटकी की फसल लेने वाले किसानों को 10 हज़ार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान किया है।