छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवाल | 16 Feb 2023
चर्चा में क्यों?
15 फरवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर में 17 से 19 फरवरी तक छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- इस मिलेट कार्निवाल में भारत के नामी-गिरामी शेफ मिलेट के नए-नए व्यंजन बनाना सिखाएंगे और इसे मेहमानों को परोसेंगे।
- कार्निवाल का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ और आईआईएमआर हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय सुभाष स्टेडियम में होगा। इस अनूठे कार्निवाल में विशेष रूप से मिलेट फूड कोर्ट होगा, जहाँ आम नागरिक मिलेट के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे।
- मिलेट कार्निवाल का उद्देश्य मिलेट को लोगों के दैनिक आहार में शामिल करने तथा इसके पोषक मूल्य के प्रति जनजागरूकता लाना है।
- इस आयोजन में प्रतिभागियों और आगंतुकों के साथ मिलेट की विशेषताओं को साझा करने के लिये राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जाएगी। साथ ही मिलेट की मांग पैदा करने के लिये मिलेट स्टार्ट-अप अपने पैकेज्ड मिलेट उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे।
- इसके अलावा मिलेट की खेती के पर्यावरणीय लाभों के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिये शैक्षणिक संस्थानों द्वारा नुक्कड़ नाटक और स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा प्रतिदिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा के पश्चात् छत्तीसगढ़ में 10 जनवरी, 2022 को ‘मिलेट मिशन’ की शुरुआत मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में आईसीएआर-आईआईएमआर एवं 14 ज़िलों के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर से हुई थी।
- छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ को राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी तथा रागी का क्रय करने का भी निर्देश दिया गया। इसी अवसर पर लघु वनोपज संघ ने भी आईसीएआर से अनुबंध किया जिसके तहत आईआईएमआर मिलेट मिशन के नॉलेज पार्टनर बने।
- विदित है कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहाँ कोदो, कुटकी 30 रुपए प्रति किलो और रागी 77 रुपए प्रति किलो खरीदा जा रहा है।
- सीएसआईडीसी ने मिलेट आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये कुछ चुंनिदा ब्लाक में भूमि, संयंत्र एवं उपकरण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की योजना पेश की है।
- राज्य केबिनेट ने मिलेट के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये ‘राजीव गांधी न्याय योजना’ के अंतर्गत प्रति एकड़ 9 हज़ार रुपए की राशि की घोषणा की गई है। कोदो, कुटकी एवं रागी की खेती करने पर यह राशि किसानों को दी जाएगी।
- राज्य में मिलेट उत्पादों की खपत बढ़ाने के लिये, पीडीएस, आंगनबाड़ी एवं मिड डे मील में मिलेट उत्पादों को शीघ्र ही शामिल करने की योजना है।
- पिछले एक साल में मिलेट मिशन का लक्ष्य प्राप्त करने में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अंतत: छत्तीसगढ़ को भारत का मिलेट हब बनाने की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। पहले ही साल 50 हज़ार क्विंटल से अधिक मिलेट का क्रय किया गया है, इस वर्ष अब तक 38 हज़ार क्विंटल कोदो, कुटकी एवं रागी को समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। राज्य के 10 ज़िलों में 12 लघु मिलेट प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के साथ ही किसानों को मार्केट में भी अब रुपए 12-15 प्रति किलो की अपेक्षा रुपए 20-25 प्रति किलो का क्रय भाव मिल रहा है। कांकेर ज़िले में 5000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता की एशिया की पहली मिलेट प्रसंस्करण इकाई शुरू हो चुकी है।