छत्तीसगढ़
तृतीय लिंग समुदाय के लिये नीति
- 20 Sep 2021
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चर्चा में क्यों?
18 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में तृतीय लिंग समुदाय के 13 नव-नियुक्त पुलिस आरक्षकों को सम्मानित किया और उन्हें बधाई व शुभकामनाएँ दीं।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में सभी जाति, वर्ग, समुदाय और लिंग के व्यक्तियों के हितों एवं उनके संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिये काम कर रही है। सामाजिक सद्भाव और समरसता को आगे बढ़ाना राज्य सरकार की नीति है।
- उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने राज्य के तृतीय लिंग समुदाय के कल्याण और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिये पॉलिसी बनाई है।
- छत्तीसगढ़ राज्य ने तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास एवं अधिकारों के संरक्षण हेतु कल्याण बोर्ड का गठन भी किया है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस साल के बजट में तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु आश्रम सह पुनर्वास केंद्र स्थापित करने के लिये 76 लाख रुपए का प्रावधान रखा है। यह देश में अपनी तरह का पहला केंद्र होगा।
- राज्य सरकार ने तृतीय लिंग समुदाय के डाटा संधारण के लिये ऑनलाइन सॉफ्टवेयर तैयार किया है। सर्वेक्षण में 2 हज़ार 919 तृतीय लिंग के व्यक्ति चिह्नांकित किये गए हैं, जिनमें से 1,025 व्यक्तियों को पहचान-पत्र जारी किया गया है, जो राशन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड इत्यादि के लिये मान्य है।