छत्तीसगढ़ सरकार का विद्यार्थियों के हित में बड़ा निर्णय | 11 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
10 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विद्यार्थियों के हित में यह निर्णय लिया गया है कि विद्यार्थियों को अब प्रतिवर्ष जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की बजाय एक ही बार जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जाएंगे। विद्यार्थियों को जारी जाति प्रमाण-पत्र स्थायी अभिलेख की तरह होंगे।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में सभी कलेक्टरों को जारी किये गए निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि स्थायी सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र (जाति प्रमाण-पत्र) की मान्यता समय के द्वारा सीमित नहीं होगी, अर्थात् यह कालातीत नहीं होगा, यह सर्वदा के लिये होगा। यह एक तरह से स्थायी अभिलेख है।
- बार-बार जाति प्रमाण जारी किये जाने की आवश्यकता नहीं है। जाति प्रमाण-पत्र खो जाने की स्थिति में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा इसका डुप्लीकेट भी जारी किया जा सकेगा।
- कलेक्टरों को निर्देश दिये गए हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित समस्त शासकीय, निजी शालाओं एवं केंद्रीय बोर्ड की शालाओं में कक्षा छठवीं से बारहवीं तक अध्ययनरत् अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के जाति एवं निवास प्रमाण-पत्र उनकी शालाओं में अध्ययनरत् होने के दौरान ही उनकी शालाओं में वितरित किये जाएं तथा उक्त शिविर का आयोजन प्रत्येक वर्ष निरंतर रूप से जारी रखा जाए।
- कलेक्टरों को निर्देश दिये गए हैं कि शालाओं में लंबित जाति प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र आगामी शैक्षणिक सत्र तक जारी किये जाएँ। कलेक्टरों को इस संबंध में मासिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से सामान्य प्रशासन विभाग (आरक्षण प्रकोष्ठ) को भेजने के निर्देश दिये गए हैं।