छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ का प्रथम मखाना प्रसंस्करण
- 06 Dec 2021
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चर्चा में क्यों?
5 दिसंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना की राशि के अंतरण कार्यक्रम में रायपुर ज़िले के आरंग विकासखंड के ग्राम लिंगाडीह में छत्तीसगढ़ के प्रथम मखाना प्रसंस्करण केंद्र ‘मखाना खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन केंद्र’ का वर्चुअल शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम में ‘गोधन न्याय मिशन’ के सुचारू संचालन के लिये 50 लाख रुपए की राशि जारी की।
- इस अवसर पर उन्होंने लिंगाडीह के ओजस फार्म में मखाने की खेती प्रारंभ करने वाले स्वर्गीय कृष्ण कुमार चंद्राकर दाऊ जी के नाम पर इस फार्म में उत्पादित मखाना की ‘दाऊजी’ ब्रांड नाम से लॉन्चिंग की।
- लिंगाडीह के ‘मखाना खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन केंद्र’ द्वारा किसानों को मखाना खेती हेतु नि:शुल्क तकनीकी जानकारी, मखाना प्रक्षेत्र का समय-समय पर भ्रमण कराया जाता है और खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है।
- इस केंद्र द्वारा किसानों के लिये मखाना बीज की उपलब्धता के साथ-साथ मखाने की खरीदी भी की जाती है।
- तालाब के साथ-साथ एक से डेढ़ फीट गहरे खेत में मखाने की खेती की जा सकती है। मखाने की खेती से प्रति एकड़ लगभग 70 हज़ार रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया जा सकता है।
- बिहार के मिथिला क्षेत्र की पहचान से जुड़े मखाना की खेती छत्तीसगढ़ के रायपुर, धमतरी और महासमुंद के बेहद सीमित क्षेत्र में की जा रही है।