छत्तीसगढ़ की चॉक परियोजना को विश्व बैंक एवं भारत सरकार से मंज़ूरी मिली | 25 Sep 2023

चर्चा में क्यों?

  • 22 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य में स्कूली शिक्षा के बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए तेजी से बदलाव लाने की दृष्टि से स्कूली शिक्षा में सुधार हेतु चॉक  (CHALK) परियोजना की विश्व बैंक एवं भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो गई है, आज इस परियोजना के दस्तावेज़ों पर विश्व बैंक, भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिकृत रूप से हस्ताक्षर किये गए।

प्रमुख बिंदु

  • विश्व बैंक की मदद से शिक्षा गुणवत्ता सुधार के साथ स्कूलों का कायाकल्प किये जाने का निर्णय लिया गया है, इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पहले चरण में 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • इस परियोजना के माध्यम से अगले 5 वर्षों में (जुलाई, 2023 से सितंबर, 2028) विश्व बैंक द्वारा कुल 300 मिलियन डॉलर (लगभग 2500 करोड़ रुपए) की सहायता प्राप्त होगी।
  • इस परियोजना के माध्यम से प्रमुख रूप से बच्चों की उपलब्धि में सुधार की दिशा में विभिन्न कार्य पालकों की मांग के आधार पर स्वामी आत्मानंद की तर्ज पर उत्कृष्ट परिणाम देने वाले नए स्कूलों का प्रारंभ, राज्य में सुदूर अंचलों में संचालित स्कूलों की अधोसंरचना में सुधार हेतु आवश्यक समर्थन आदि कार्य किये जा सकेंगे।
  • इस परियोजना के आने से छत्तीसगढ़ राज्य में विगत चार वर्षों में शुरू किये गए विभिन्न सुधार कार्यों को गति एवं विस्तार देने में आसानी हो सकेगी एवं स्कूली शिक्षा की गुणवता में व्यापक सुधार हो सकेगा।
  • इस परियोजना के अंतर्गत कक्षा के स्तर अनुरूप सीखने-सिखाने से संबंधित प्रशिक्षण, शिक्षकों को अपने लिये उपयुक्त प्रशिक्षण के चयन का अवसर (ऑन डिमॉड ट्रेनिंग), उच्च प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी स्तर की कक्षाओं के लिये प्रत्येक विषय एवं अवधारणा के लिये उपचारात्मक शिक्षण, स्कूलों में प्रभावी आकलन हेतु डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बच्चों के परिणामों के विश्लेषण की व्यवस्था, उच्च क्वालिटी के टेस्ट आइटम आईसीटी एवं विज्ञान प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लासरूम की उपलब्धता, चयनित स्कूलों को अधोसंरचना विकास का लाभ, अधिक संख्या में अनुसूचित जाति एवं जनजाति बसाहट वाले विकासखंडों में स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव जैसे कार्यों पर फोकस किया जाएगा।
  • साथ ही स्कूल शिक्षा में बदलाव लाए जाने हेतु राज्य में कार्यरत स्कूल प्राचार्यों को अकादमिक एवं प्रशासनिक लीडरशिप के अलावा अन्य उपयोगी मुद्दों पर उन्हें प्रशिक्षित कर व्यवहार परिवर्तन हेतु सीमेट के माध्यम से विभिन्न क्षमता विकास कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा।