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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ योजना को लागू करने वाला 35वाँ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश बना

  • 04 Feb 2022
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) के तहत पोर्टेबिलिटी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मौजूदा समूह में छत्तीसगढ़ को शामिल किये जाने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ योजना को लागू करने वाला 35वाँ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश बन गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि विभाग द्वारा ओएनओआरसी योजना के कार्यान्वयन की दिशा में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की प्रगति की समीक्षा की गई थी। विभाग ने पोर्टेबिलिटी लेनदेन के सफल परीक्षण के बाद छत्तीसगढ़ को शामिल किये जाने की मंजूरी दी है। 
  • इसके अनुरूप राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) राशन कार्डों की राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी के लिये ओएनओआरसी योजना को 2 फरवरी, 2022 से छत्तीसगढ़ में लागू किया गया है। 
  • ओएनओआरसी के तहत छत्तीसगढ़ के प्रवासी एनएफएसए लाभार्थी भी अब पूरे देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) पर सब्सिडी वाले खाद्यान्न की खरीद कर सकेंगे। 
  • छत्तीसगढ़ के शामिल होने के बाद 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में ओएनओआरसी योजना का संचालन किया जा रहा है और देश की लगभग 96.8 फीसदी एनएफएसए जनसंख्या (करीब 77 करोड़ एनएफएसए लाभार्थी) को कवर किया जा रहा है। 
  • ओएनओआरसी एक तकनीक संचालित वितरण प्रणाली है, जो पूरे देश में खाद्य सुरक्षा को वहनीय बनाती है। यह प्रवासी एनएफएसए लाभार्थियों, जो अस्थायी रोजगार आदि की खोज में आमतौर पर लगातार अपने रहने की जगह बदलते रहते हैं, के लिये काफी लाभप्रद है। प्रवासी लाभार्थी परिवार के सदस्य, जो घर वापस आ चुके हैं, बिना किसी कठिनाई के बाकी राशन की खरीद कर सकते हैं।
  • यह लाभार्थियों को अपने एकसमान/मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी अपनी पसंद के किसी भी एफपीएस से खाद्यान्न की अपनी निश्चित मात्रा की खरीद का विकल्प प्रदान करता है। 
  • उल्लेखनीय है कि अगस्त, 2019 में ओएनओआरसी योजना को शुरू किये जाने के बाद इसके तहत अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 56 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन दर्ज किये गए हैं। वहीं, अंतर-राज्य और राज्य के भीतर पोर्टेबिलिटी लेनदेन के जरिये खाद्य सब्सिडी के रूप में 31,000 करोड़ रुपए के बराबर मूल्य के 100 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है। 
  • एक प्रमुख संकेतक के रूप में, वर्तमान में ओएनओआरसी के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में प्रतिमाह औसतन लगभग 2.5 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेन-देन (अंतर-राज्य, राज्य के भीतर और प्रधानमंत्री-जीकेएवाई खाद्यान्न लेन-देन सहित) दर्ज किया जा रहा है।
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