छत्तीसगढ़
चेंदरू ‘टाइगर बॉय’ सीटीबी स्मृति चिन्ह
- 28 Sep 2022
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चर्चा में क्यों?
27 सितंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड (सीटीबी) के स्मृति चिन्ह के रूप में चेंदरू ‘टाइगर बॉय’और उनके बाघ मित्र टेंबू की एक प्रतिमा का अनावरण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पर्यटन सम्मेलन में बच्चों को पर्यटन से जोड़ने के लिये ‘टॉकिंग कॉमिक्स’का भी विमोचन किया। कॉमिक में चेंदरू और टेंबू को पर्यटन के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है।
- उन्होंने ‘कथक भाव’पर आधारित राज्य गीत का एक वीडियो और राज्य में पर्यटन स्थलों की एक कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया। पुस्तक में राज्य के सभी पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी है। इसे टूरिस्ट गाइड के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में ‘मोगली’के नाम से चर्चित द टाइगर बॉय चेंदरू पूरी दुनिया के लिये किसी अजूबे से कम नहीं था। चेंदरू मंडावी नारायणपुर ज़िले के गढ़बेंगाल गाँव का रहने वाला एक आदिवासी परिवार से था।
- चेंदरू पूरी दुनिया में 60 के दशक में बेहद ही मशहूर था। चेंदरू बचपन में हमेशा बाघ टेंबू के साथ ही खेला करता था और उसी के साथ अपना अधिकतर समय बिताता था। दोनों साथ ही खाना खाते थे और साथ ही खेलते थे।
- चेंदरू और टाइगर की दोस्ती के किस्से को सुन स्वीडन के सुप्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर अरेन सक्सडॉर्फ सीधे बस्तर आ पहुँचे। चेंदरू और टेंबू के बीच दोस्ती से प्रभावित होकर 1957 में उन्होंने चेंदरू और उसके पालतू बाघ टेंबू को लेकर एक फिल्म बनाई जिसका नाम था ‘द जंगल सागा’। यह फिल्म अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खूब सफल रही। इस फिल्म ने पूरी दुनिया में धूम मचा दी। इस फिल्म के हीरो का रोल चेंदरू ने ही किया। गाँव में रहकर डायरेक्टर ने 1 साल में फिल्म की पूरी शूटिंग की। इस फिल्म ने चेंदरू को दुनिया भर में मशहूर कर दिया।
- चेंदरू मंडावी ने साल 2013 में 78 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके चले जाने के बाद राजधानी रायपुर में जंगल सफारी में टेंबू और चेंदरू की मूर्ति स्थापित की गई साथ ही नारायणपुर में चेंदरू के नाम पर पार्क भी मौजूद है।