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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की सरसों की दो उन्नत किस्में

  • 18 Aug 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

17 अगस्त, 2022 को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के प्रवत्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सरसों की दो नई उन्नत किस्में विकसित की हैं। इन किस्मों का हरियाणा के साथ पंजाब, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और जम्मू राज्यों के किसानों को भी लाभ होगा।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रवक्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय के तिलहन वैज्ञानिकों की टीम ने सरसों की आरएच 1424 व आरएच 1706 दो नई किस्में विकसित की हैं।
  • इन किस्मों की अधिक उपज और बेहतर तेल गुणवत्ता के कारण राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुर (राजस्थान) में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (सरसों) की हुई बैठक में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और जम्मू राज्यों में खेती के लिए पहचान की गई है।
  • उन्होंने बताया कि आरएच 1424 किस्म इन राज्यों में समय पर बुवाई और बारानी परिस्थितियों में खेती के लिये, जबकि आरएच 1706 जोकि एक मूल्यवर्द्धित किस्म है, इन राज्यों के सिंचित क्षेत्रों में समय पर बुवाई के लिये बहुत उपयुक्त किस्म पाई गई है। ये किस्में उपरोक्त सरसों उगाने वाले राज्यों की उत्पादकता को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होंगी।
  • उन्होंने बताया कि हरियाणा पिछले कई वर्षों से सरसों की फसल की उत्पादकता के मामले में देश में शीर्ष स्थान पर है। यह इस विश्वविद्यालय में सरसों की अधिक उपज देने वाली किस्मों के विकास और किसानों द्वारा उन्नत तकनीकों को अपनाने के कारण संभव हुआ है।
  • हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय देश में सरसों अनुसंधान में अग्रणी केंद्र है और अब तक यहाँ अच्छी उपज क्षमता वाली सरसों की कुल 21 किस्मों को विकसित किया गया है। हाल ही में यहाँ विकसित सरसों की किस्म आरएच 725 कई सरसों उगाने वाले राज्यों के किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय है।    
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