चार धाम यात्रा | 16 May 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में यमुनोत्री में भारी भीड़ तथा केदारनाथ और बद्रीनाथ मार्गों पर लंबी यातायात अवरोधों के चिंताजनक दृश्यों ने सरकार को चार धाम यात्रा के लिये अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक समाधानों को प्राथमिकता देने को मजबूर किया है।
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड में चार धाम यात्रा में चार मंदिरों, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन शामिल हैं।
- चार धाम यात्रा का हिंदू धर्म में गहरा आध्यात्मिक महत्त्व है। यह यात्रा सामान्यतः अप्रैल/मई से अक्तूबर/नवंबर तक होती है।
- राज्य द्वारा एक "धार्मिक यात्रा प्राधिकरण" बनाने की योजना बना रहा है जो न केवल चार धाम यात्रा बल्कि काँवर यात्रा जैसी अन्य तीर्थयात्राओं को भी नियंत्रित किया जाएगा।
- प्राधिकरण सभी मुद्दों पर निर्णय लेगा, जैसे- दैनिक तीर्थयात्रियों की संख्या, मार्ग, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा तैनाती और अन्य सभी व्यवस्थाएँ तय करना।
- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश की भाँति ही धार्मिक आयोजनों के लिये नियामक संस्था को अपनाने पर विचार कर रहा है और कार्यान्वयन से पहले यह उत्तर प्रदेश के मॉडल का अध्ययन करेगा।
चार धाम यात्रा
- यमुनोत्री धाम:
- स्थान: उत्तरकाशी ज़िला।
- समर्पित: देवी यमुना।
- गंगा नदी के बाद यमुना नदी भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी है।
- गंगोत्री धाम:
- स्थान: उत्तरकाशी ज़िला।
- समर्पित: देवी गंगा।
- सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र मानी जाती है।
- केदारनाथ धाम:
- स्थान: रुद्रप्रयाग ज़िला।
- समर्पित: भगवान शिव।
- मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है।
- भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों (भगवान शिव के दिव्य प्रतिनिधित्व) में से एक।
- बद्रीनाथ धाम:
- स्थान: चमोली ज़िला।
- पवित्र बद्रीनारायण मंदिर का स्थान।
- समर्पित: भगवान विष्णु।
- वैष्णवों के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक