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‘चंदैनी गोंदा- एक सांस्कृतिक यात्रा’
- 30 Jul 2021
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चर्चा में क्यों?
29 जुलाई, 2021 को छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉ. सुरेश देशमुख द्वारा लिखित ‘चंदैनी गोंदा- एक सांस्कृतिक यात्रा’ पुस्तक का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस पुस्तक में वस्तुत: नई पीढ़ी को दाऊ रामचंद्र देशमुख के व्यक्तित्व और कृतित्व से समग्र रूप से परिचित कराने का प्रयास किया गया है।
- ज्ञातव्य है कि ‘चंदैनी गोंदा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक यात्रा’ स्मारिका का प्रकाशन 7 दिसंबर, 1976 को चंदैनी गोंदा के 25वें प्रदर्शन के अवसर पर हुआ था। इसके संपादक धमतरी के साहित्यकारद्वय सर्वश्री नारायण लाल परमार और त्रिभुवन पांडे थे।
- इस स्मारिका के प्रकाशन के 45 वर्षों के उपरांत इसके द्वितीय संस्करण को संशोधित और परिवर्धित रूप में प्रकाशित किया गया है।
- इस संस्करण में दाऊ रामचंद्र देशमुख द्वारा सृजित देहाती कला विकास मंडल ( Dehati Kala Vikas Mandal) से लेकर चंदैनी गोंदा की निर्माण प्रक्रिया और उसके विसर्जन तथा कारी की सर्जना तक की सांस्कृतिक यात्रा को 488 पृष्ठों के इस पुस्तक में समाहित किया गया है।
- डॉ. देशमुख ने अपने इस शोधपूर्ण ग्रंथ में दाऊ जी और उनकी कृतियों से जुड़े छोटे-बड़े सभी कलाकारों और साहित्यकारों का वर्णन कर उनके अवदानों को भी रेखांकित किया है।
- यह पुस्तक छत्तीसगढ़ में लोककला, संगीत और लोक संस्कृति को जानने तथा समझने का प्रयास करने वालों के लिये एक अनुपम उपहार के रूप में है। यह न केवल पठनीय है, अपितु संग्रहणीय भी है, जिससे भविष्य में लोककला के शोधार्थियों के लिये यह संदर्भ ग्रंथ का काम करेगा।