लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

उत्तर प्रदेश

केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिये 8 नई परियोजनाओं को मंज़ूरी दी

  • 08 Oct 2022
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने स्वच्छ गंगा परियोजना के लिये राष्ट्रीय मिशन के तहत राज्य में सीवरेज प्रबंधन सहित आठ नई परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति की 45वीं बैठक में सीवेज प्रबंधन के लिये चार परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई है, जिनमें एक वाराणसी में भी है।
  • इस परियोजना में अस्सी नल्ला (Assi Nullah) के दोहन के लिये 55 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण भी शामिल है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 09 करोड़ रुपए है।
  • सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वाराणसी की परियोजना का लक्ष्य तीन नालों - अस्सी, सामने घाट और नखी से शून्य अनुपचारित निर्वहन के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
  • अन्य परियोजनाओं में 13 एमएलडी एसटीपी का निर्माण और मौजूदा संरचनाओं का नवीनीकरण शामिल हैं। मथुरा-वृंदावन की इन परियोजनाओं में यमुना नदी को प्रदूषित करने वाले 11 नालों को अवरुद्ध और मोड़ने की परिकल्पना की गई है। वृंदावन और मथुरा के कोसी कलां में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण किया जाएगा।
  • चार ज़िलों- हापुड़, बुलंदशहर, बदायूँ और मिर्ज़ापुर में जैव-विविधता पार्क स्थापित करने की एक बड़ी परियोजना को भी मंज़ूरी दी गई है। इनके नाम हैं मिर्ज़ापुर में मोहनपुर बायोडायवर्सिटी पार्क, बुलंदशहर में रामघाट बायोडायवर्सिटी पार्क, हापुड़ में आलमगीरपुर बायोडायवर्सिटी पार्क और बदायूँ में उझानी बायोडायवर्सिटी पार्क।
  • प्रवक्ता ने कहा कि ये चारों स्थान गंगा नदी के बाढ़ के मैदानों पर स्थित हैं। प्रस्तावित पार्क गंगा के बाढ़ के मैदानों के साथ आरक्षित वनों का हिस्सा हैं और नदी के कायाकल्प एवं जैव-विविधता संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
  • जैव-विविधता पार्क देशी पौधों और जानवरों की प्रजातियों के संयोजन के साथ जंगल को अद्वितीय परिदृश्य प्रदान करेंगे, जिससे एक क्षेत्र में बनाए गए आत्मनिर्भर जैविक समुदायों का निर्माण होगा। गंगा जैव-विविधता पार्कों का समग्र परिणाम पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं, जैव-विविधता और गंगा नदी के कायाकल्प को बेसिन पैमाने पर बनाए रखने में मदद करेगा।      
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2