जाति प्रमाण-पत्र | 06 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र (सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र) जारी करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस संबंध में राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्य के सभी ज़िलों के कलेक्टरों को पत्र जारी कर निर्देश दिये गए हैं।
- राज्य शासन के आदेशानुसार, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 के प्रावधानों के तहत जहाँ जाति को प्रमाणित करने हेतु कोई दस्तावेज़ी प्रमाण उपलब्ध नहीं हो तो ग्रामसभा द्वारा आवेदक की जाति के संबंध में पारित संकल्प को मान्य करते हुए जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
- इसी तरह से अब नगर पंचायत या नगरपालिका परिषद अथवा सामान्य सभा द्वारा की गई उद्घोषणा को जाति तथा मूल निवासी के संबंध में साक्ष्य के रूप में मान्य कर दिया गया है। इसके तहत नियमानुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
- राज्य शासन के इस आदेश के बाद अब राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र (सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण-पत्र) प्राप्त करना आसान हो गया है।