बिहार में जारी हुआ जातीय आधारित सर्वेक्षण | 03 Oct 2023

चर्चा में क्यों? 

2 अक्तूबर, 2023 को बिहार में विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर जातीय गणना के आँकड़े जारी किये।  

प्रमुख बिंदु 

  • आँकडों के अनुसार राज्य में अत्यंत पिछड़ा व पिछड़ा वर्ग की आबादी 63% है। इनमें पिछड़ा वर्ग 27.12 व अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01% है। वहीं अनुसूचित जाति 19.65% और अनुसूचित जनजाति 1.68% है, जबकि अनारक्षित (हिंदू व मुसलमान) की संख्या कुल आबादी का 15.52% है। उनमें सवर्ण (भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत व कायस्थ) 10.56% हैं 
  • जातीय गणना के प्रथम चरण में घरों के सर्वे की प्रक्रिया 7 जनवरी, 2023 से शुरू हुई। इसे 31 जनवरी तक पूरा किया गया। दूसरा चरण 15 अप्रैल से 15 मई तक चलना था, किंतु 4 मई को हाईकोर्ट के आदेश पर गणना कार्य रुक गया। हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को हरी झंडी दी।  
  • 11 साल में 2.66 करोड़ की वृद्धि के साथ राज्य की आबादी 13 करोड़ 7 लाख हो गई है। वहीं जाति आधारित गणना की जारी रिपोर्ट में जातियों की संख्या 214 बताई गई है।
  • उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद पहली बार देश में किसी राज्य में जातीय आधारित सर्वेक्षण जारी हुआ। बिहार के पहले कर्नाटक, तेलंगाना, ओड़िशा आदि राज्यों ने जातीय गणना की पहल किये थे, लेकिन वे रिपोर्ट जारी नहीं कर सके थे।