उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने की मुहिम शुरू
- 21 Jan 2023
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चर्चा में क्यों?
20 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बंगलुरु में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड फेयर ऑन मिलेट्स एंड ऑर्गेनिक -2023 में बताया कि उत्तर प्रदेश में मोटे अनाज की फसलों की खेती को बढ़ावा देते हुए आच्छादन बढ़ाने, उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि कर मूल्य संवर्द्धन और विपणन की व्यवस्था की जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि मोटे अनाज की फसलों की खेती को बढ़ावा देते हुए आच्छादन बढ़ाने, उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि कर मूल्य संवर्द्धन और विपणन की व्यवस्था के अंतर्गत 55 मोटा अनाज प्रसंस्करण और पैकिंग के केंद्र स्थापित किये जाएंगे, जिससे 72 हज़ार 500 किसान प्रतिवर्ष लाभान्वित होंगे।
- इसके अलावा जन सामान्य को आहार में मोटे अनाज को शामिल करने के लिये भी जागरूक किया जा रहा है।
- उन्होंने बताया कि मोटा अनाज भारत का पारंपरिक भोजन है। मोटा अनाज ग्लूटेन मुक्त, उच्च प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा से भरपूर होता है।
- विदित है कि उत्तर प्रदेश में 2020-21 में 83 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मोटा अनाज बोया गया था। इसमें 9.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में केवल बाजरा बोया गया था। शेष क्षेत्रफल में ज्वार, कोदो, सावां, मड़वा तथा काकून बोया गया था। इस प्रकार उत्तर प्रदेश मोटा अनाज के लिये अपार संभावनाओं से भरा हुआ है।
- कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मोटे अनाज को लेकर पूरे देश में जागरूकता बढ़ी है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ही वर्ष 2018 में मिलेट्स को पोषक अनाज के रूप में अधिसूचित किया गया तथा इसके उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं।
- इसके अलावा केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018-19 में खाद्य पोषण और सुरक्षा के लिये मिलेट्स को खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत न्यूट्री अनाज उपमिशन के रूप में शामिल किया गया। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा मोटे अनाजों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाने लगा है तथा उसके मूल्य में लगातार वृद्धि हो रही है।