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झारखंड

रोगियों के प्रति भेदभाव समाप्त करने का अभियान

  • 14 Aug 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

सूत्रों के अनुसार, झारखंड में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus- HIV) रोगियों के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के लिये जागरूकता उत्पन्न करने हेतु 1 सितंबर, 2024 को एक अभियान शुरू किया जाएगा।

मुख्य बिंदु:

  • इसकी घोषणा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के सभागार में गहन IEC (सूचना, शिक्षा, संचार) अभियान के शुभारंभ के दौरान की गई।
  • झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के परियोजना निदेशक के अनुसार यह अभियान ज़िला, प्रखंड और गाँव स्तर पर चलाया जाएगा।

ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus- HIV)

  • परिचय:
    • HIV एक वायरस है जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को क्षति पहुँचाता है।
    • यह मुख्य रूप से CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाओं को लक्षित करता है और उन्हें नुकसान पहुँचाता है, CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाएँ संक्रमण तथा बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता के लिये आवश्यक होती हैं।
      • HIV समय बीतने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है, जिससे शरीर विभिन्न प्रकार के संक्रमण और कैंसर की चपेट में आ जाता है।
  • संचरण:
    • इसके संचरण के प्राथमिक स्रोत- रक्त, शुक्राणु, यौनिक तरल पदार्थ, स्तनपान आदि माने जाते हैं। 
  • गंभीरता:
    • यदि उपचार नहीं किया जाता है, तो वायरस किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को नष्ट कर देता है तथा उसे एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिसिएंसी सिंड्रोम (AIDS) चरण में कहा जाता है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली के कमज़ोर होने के कारण कई अन्य संक्रमण घेर लेते हैं जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु हो सकती है।
  • उपचार:
    • हालाँकि वर्तमान में संक्रमण का कोई इलाज नहीं है, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) का उपयोग करके वायरस को नियंत्रित किया जा सकता है। 
      • ये दवाएँ शरीर के भीतर वायरस की प्रतिकृति बनाने की क्षमता को कम कर देती हैं, जिससे CD4 प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है। 

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