नए साल से स्कूलों में भाषा और गणितीय कौशल के लिये चलेगा अभियान | 31 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने बताया कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बुनियादी शिक्षा और गणित की विशेष पढ़ाई के लिये नए वर्ष से अभियान चलाया जाएगा। सौ दिनों तक चलने वाले इस अभियान में कक्षा आठवीं तक के बच्चों को दक्ष बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सभी ज़िला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य डाईट, ज़िला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा को इस संबंध में निर्देश जारी किये गए हैं। निर्देश में अभियान में 14 सप्ताह के लिये भाषा और गणित की गतिविधियाँ सुझाई गई हैं।
- सभी ज़िले एवं विकासखंड अपने-अपने स्तर पर भाषा और गणित संबंधी प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी (पीएलसी) के सामग्री तैयार करेंगे।
- उल्लेखनीय है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान राज्य में शिक्षकों ने स्कूली बच्चों के अध्ययन को जारी रखने के लिये ‘पढ़ई तुंहर दुआर’के अंतर्गत नवाचार किया। दूसरे वर्ष पढ़ई तुंहर दुआर-2.0 के अंतर्गत पढ़ना, लिखना, गणित, विज्ञान के प्रयोग एवं समूह के प्रोजेक्ट बनाने का अभ्यास करवाते हुए संकुल से लेकर ज़िला स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
- इन प्रतियोगिताओं में समुदाय एवं पालकों के बीच से निर्णायकों का चयन किया गया। इससे राज्य के स्कूलों में अच्छा माहौल बना, जिसे आगे जारी रखने के लिये यह कार्यक्रम लागू करने की योजना बनाई गई है।
- स्थानीय स्तर पर प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी (पीएलसी) के माध्यम से सप्ताहवार, विषयवार सामग्री को विस्तारित कर रोचक गतिविधियों को डिज़ाइन कर स्थानीय स्तर पर अग्रिम रूप से स्कूलों को सोशल मीडिया के ज़रिये पाठ्य सामग्री प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी।
- निर्देश में कहा गया है कि माह जनवरी 2022 का चर्चा पत्र बुनियादी साक्षरता एवं गणितीय कौशल पर आधारित है। सभी विकासखंड के लिये स्थानीय सामग्री को शिक्षकों के माध्यम से एकत्र कर सकेंगे। प्रत्येक विकासखंड में चर्चा पत्र के आधार पर एक विस्तारित सामग्री एकत्र कर स्कूलों में शिक्षकों को उपलब्ध कराई जाएगी।
- प्रति सप्ताह निर्धारित बिंदुओं पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की नियमित मॉनिटरिंग और अकादमिक समर्थन संकुल समन्वयकों, शाला संकुल प्राचार्यों, विकासखंड-स्तरीय अधिकारियों, डाईट एवं ज़िला-स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से किया जाए।
- सभी स्कूलों में इन निर्धारित बिंदुओं में बच्चों के साथ कार्य किया जाएगा। एक दल गठित कर प्रति सप्ताह कुछ सैम्पल क्षेत्रों में बच्चों के साथ उनकी उपलब्धि में हो रहे सुधारों की निगरानी की जाएगी। साथ ही उनकी जानकारी का गहराई से अध्ययन कर पालकों एवं समुदाय के समक्ष अपने सीखे हुए बिंदुओं पर समय-समय पर प्रदर्शन भी किया जाएगा।