मंत्रिमंडल ने दी नई कपड़ा और परिधान नीति को मंज़ूरी | 15 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
13 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश को कपड़ा हब बनाने हेतु इस क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने और सभी इकाइयों का विकास सुनिश्चित करने के लिये एक नई कपड़ा और परिधान नीति को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल एंड गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 को मंज़ूरी दी है तथा इसमें किसी भी तरह का संशोधन करने के लिये मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
- नई नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को वैश्विक स्तर के परिधान निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना और कपड़ा उद्योग से संबंधित सभी प्रकार की इकाइयों, जैसे- हथकरघा, पावरलूम, कताई, बुनाई, प्रसंस्करण और परिधान का सतत् विकास करना है।
- नीति का विशिष्ट उद्देश्य कपड़ा और परिधान क्षेत्र में 10,000 करोड़ रुपए के निजी निवेश को आकर्षित करना, पाँच लाख लोगों के लिये रोज़गार के अवसर पैदा करना, निजी क्षेत्र में पाँच कपड़ा और परिधान पार्क विकसित करना तथा हथकरघा और पावरलूम बुनकर की आय में वृद्धि करना है।
- संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कपड़ा एवं परिधान नीति-2022 में कपड़ा क्षेत्र में निवेश करने वाली इकाइयों को निवेश आकर्षित कर रोज़गार पैदा करने के उद्देश्य से विभिन्न मदों में वित्तीय सुविधाओं के साथ विशेष प्रोत्साहन देने का प्रावधान था।
- यह नीति प्रख्यापन की तारीख से पाँच साल के लिये प्रभावी होगी। इस नीति से राज्य में निवेश बढ़ेगा और तीन लाख रोज़गार के अवसर पैदा होने की संभावना है।
- नई नीति के तहत कपड़ा और वस्त्र इकाइयों को संयंत्र एवं मशीनरी की खरीद पर किये गए निवेश पर 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा प्रदेश के मध्यांचल क्षेत्र में स्थापित होने वाली कपड़ा एवं वस्त्र इकाईयों को 5 प्रतिशत की दर से और पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड में स्थापित होने वाली कपड़ा और वस्त्र इकाइयों को 10 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त पूंजीगत अनुदान की प्रतिपूर्ति की जाएगी। पूंजीगत सब्सिडी की सीमा प्रति यूनिट 100 करोड़ रुपए तक सीमित होगी।