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हरियाणा

मंत्रिमंडल ने नई आबकारी नीति- 2023-24 को दी मंजूरी

  • 11 May 2023
  • 5 min read

चर्चा में क्यों? 

  • 9 मई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नई आबकारी नीति- 2023-24 को अनुमोदित किया गया है। 
  • गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों में जिस लाइसेंस फीस पर फुटकर दुकानें आवंटित की गई थीं, उसकी शत-प्रतिशत वसूली राज्य सरकार द्वारा की जा चुकी है। 
  • नई आबकारी नीति- 2023-24 उन संसाधनों को उत्पन्न करने की सुविधा भी देती है, जिनका उपयोग विकासात्मक परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिये किया जा सकता है। 
  • पर्यावरण के अनुकूल उपाय के रूप में, नई नीति का उद्देश्य 29 फरवरी, 2024 के बाद शराब की बोतल में पीईटी बोतलों के उपयोग को बंद करना है। 
  • इसके साथ ही 400 करोड़ रुपए के लक्षित संग्रह के साथ खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है। इस राशि का उपयोग पर्यावरण और पशु कल्याण के लिये किया जाएगा। 
  • पर्यावरण रक्षा और पशु कल्याण (गौ सेवा) के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए नई नीति में खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है, जिसका लक्ष्य 400 करोड़ रुपए संग्रह करना है। इस राशि का उपयोग पर्यावरण एवं पशु कल्याण के लिये किया जाएगा। 
  • नई नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिये ज़िला स्तर पर आईएफएल (बीआईओ) के लेबल का भी नवीनीकरण किया जाएगा। साथ ही, एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये छोटी (क्राफ्ट) ब्रेवरीज की लाइसेंस फीस कम की गई है। राज्य में वाइनरी को बढ़ावा देने के लिये वाइनरी की सुपरवाइजरी फीस में कमी की गई है। 
  • नई आबकारी नीति में राज्य में खुदरा शराब के ठेकों की अधिकतम संख्या की सीमा को क्रमश: 2022-23 में 2600 से घटाकर 2500 तथा 2023-24 में 2500 से 2400 कर दिया गया है। 
  • इसी के साथ लोक कल्याण की दृष्टि से एक और बड़ा फैसला लेते हुए यह निर्णय लिया गया है कि पंचकूला में श्री माता मनसा देवी मंदिर के आस-पास अधिसूचित पवित्र क्षेत्रों तथा जिन गाँवों में गुरुकुल चल रहे हैं, वहाँ शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे। 
  • वर्तमान नीति में, अधिक से अधिक प्रतिभागियों को ई-निविदा के माध्यम से शराब की दुकान के लाइसेंस के लिये आवेदन करने की अनुमति देने के लिये खुदरा शराब बिक्री ज़ोन का आकार भी चार से घटाकर दो कर दिया गया है।  
  • नई नीति में देशी शराब, भारत में बनी विदेशी शराब और आयातित विदेशी शराब (बीआईओ) के मूल कोटे में बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही देशी शराब और आईएमएफएल पर उत्पाद शुल्क की दरों में भी मामूली वृद्धि की गई है। 
  • अल्कोहल की कम मात्रा वाले पेय पदार्थों को बढ़ावा देने के लिये रेडी टू ड्रिंक बेवरेजेज और बीयर पर माइल्ड और सुपर माइल्ड कैटेगरी के तहत एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई है। इसके अलावा, पब कैटेगरी (एल-10ई) यानी केवल बीयर और वाइन के उपभोग के लिये लाइसेंस शुल्क को और कम कर दिया गया है। 
  • नई नीति में थोक लाइसेंसधारियों द्वारा शराब की चोरी पर अंकुश लगाने के लिये जुर्माने के प्रावधान कड़े किये गए हैं और लाइसेंसधारक द्वारा सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर शराब प्रचार के विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। 
  • आबकारी लाइसेंस के तहत शराब परोसने वाले सभी होटलों, पब और बार, रेस्तरां और कैफे के बाहर सावधानी बोर्ड प्रदर्शित किये जाएंगे। इसके अलावा, कर्मचारियों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये, शहरी क्षेत्रों, सराय और थोक लाइसेंसधारियों के लिये सभी खुदरा विक्रेताओं के लिये अग्निशमन उपकरण स्थापित करना अनिवार्य होगा। उपरोक्त सभी दुकानों/गोदामों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।

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