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मध्य प्रदेश

कैबिनेट ने युवाओं के लिये ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ को दी मंज़ूरी

  • 19 May 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों? 

17 मई, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के बेरोज़गार युवाओं के लिये ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ (युवा कौशल कमाई योजना) को मंज़ूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु  

  • इस योजना में 12वीं, आईटीआई, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट पात्र होंगे। योजना के तहत एक साल तक युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान 8 से 10 हज़ार रुपए तक दिये जाएंगे। 
  • योजना के तहत राज्य सरकार ने एक लाख बेरोज़गारों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। यदि इससे ज्यादा बेरोज़गार युवा आते हैं तो उन्हें भी शामिल किया जाएगा।  
  • इसमें एक पोर्टल पर युवाओं को रजिस्ट्रेशन करना होगा। साथ ही अपने एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के दस्तावेज, समग्र आईडी, स्थायी निवास प्रमाण-पत्र समेत अन्य जानकारी अपलोड करनी होगी।  
  • योजना की पात्रता के लिये मध्य प्रदेश का निवासी होना ज़रूरी है। आयु 18 से 29 वर्ष और न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता 12वीं पास या आईटीआई ज़रूरी है।  
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि योजना के तहत इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, होटल मैनेजमेंट, टूरिज़्म, ट्रेवल, अस्पताल, रेलवे, आईटीआई, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य वित्तीय सेवाओं के 700 विभिन्न प्रकार के काम बच्चों को सिखाए जाएंगे।  
  • यह काम किसी संस्था, कंपनी, फैक्ट्री, अस्पताल में सिखाए जाएंगे। इस दौरान बच्चों के खातों में सीधे पैसा ट्रांसफर किया जाएगा। 
  • योजना के तहत 12वीं या उससे कम पढ़े-लिखे होने पर 8,000 रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा। आईटीआई पास करने वाले को 8,500 रुपए, डिप्लोमा करने वाले को 9,000 रुपए और डिग्री या उससे अधिक की पढ़ाई करने वाले को 10,000 रुपए प्रतिमाह दिये जाएंगे।  
  • तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ के अंतर्गत कम-से-कम एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण कराने के उद्देश्य से एक हज़ार करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है।  
  • इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को 8 से 10 हज़ार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड प्राप्त होगा। स्टाइपेंड का 75% राज्य शासन द्वारा डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोज़गार निर्माण बोर्ड की ओर से स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। 

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