उत्तर प्रदेश
सी3आई ने IIT कानपुर से किया समझौता
- 26 Jun 2023
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
25 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित आईआईटी की हाईटेक साइबर सुरक्षा लैब सी3आई हब ने तेलंगाना पुलिस से साइबर अपराध करने वाले अपराधियों को पकड़ने से लेकर उसे सजा दिलाने तक में मदद करने का समझौता किया है।
प्रमुख बिंदु
- कानपुर स्थित आईआईटी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित ऐसा टूल्स बनाया है, जो न सिर्फ अपराधियों को पकड़ने का जरिया बनेगा, बल्कि उन्हें दोषी ठहराने तक में पुलिस का मार्गदर्शन करेगा। सबसे पहले इस तकनीक का लाभ तेलंगाना को मिलेगा।
- आईआईटी देश को साइबर अटैक से सुरक्षित करने के लिये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक लगातार नई तकनीक पर आधारित सिस्टम या टूल्स विकसित कर रहे हैं।
- सी3आई हब के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रो. मणींद्र अग्रवाल की देखरेख में तेलंगाना पुलिस के लिये विशेष एआई आधारित सिस्टम (टूल्स) विकसित किये गए हैं।
- इस सिस्टम के पास साइबर अपराधों के सभी पैटर्न का डेटाबेस है, जिसके आधार पर वह ऑटोमेटिक अपराध को अलग-अलग वर्ग में बांट देगा।
- साथ ही अगर इस तरह का अपराध पूर्व में हुआ है तो उसकी पूरी जानकारी और अपराध करने वाले अपराधी की पूरी डिटेल बता देगा। इससे पुलिस को पूछताछ या छानबीन में आसानी होगी। साथ ही पुलिस को आवश्यक सुझाव भी देगा।
- यह सिस्टम वर्तमान अपराध और पुराने रिकॉर्ड के आधार पर पूरा एनालिसिस कर रिपोर्ट देगा। टूल्स की मदद से साइबर अपराध को काफी हद तक रोका जा सकेगा। जल्द ही अन्य प्रदेशों के साथ भी इस तकनीक को साझा किया जाएगा।
- ऐसे होते हैं साइबर क्राइम -
- सोशल मीडिया हैक कर आपत्तिजनक मैसेज भेजना।
- बैंक खाता हैक कर रकम निकाल लेना।
- ईमेल आईडी हैक कर रुपए मांगना या आपत्तिजनक संदेश भेजना।
- व्हाट्सएप या फेसबुक हैकर द्वारा रुपए मांगना।
- डेटाबेस चोरी करने के लिये अकाउंट हैक करना।
- आधारकार्ड हैक कर रुपए निकालना।