उत्तराखंड के वीर नारियाँ और वीरता पुरस्कार पाने वाले सैनिक रोडवेज बसों में कर सकेंगे मुफ्त में सफर | 13 Mar 2023
चर्चा में क्यों?
11 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश की 1130 वीर नारियाँ और वीरता पुरस्कार पाने वाले 1727 सैनिक एवं पूर्व सैनिक उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि वीरता पुरस्कार पाने वाले भारतीय सैनिकों और उनकी वीरांगनाओं के परिवहन निगम की बसों में मुफ्त सफर करने से इस पर जो खर्च आएगा, नियमानुसार उसका भुगतान एवं प्रतिपूर्ति सैनिक कल्याण विभाग की ओर से परिवहन निगम को किया जाएगा।
- प्रदेश के निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग को दिये आदेश में कहा गया है कि सैनिक कल्याण विभाग के आय-व्यय में नई मांग के माध्यम से बजट व्यवस्था कराने के लिये समय से प्रस्ताव तैयार कर इसे शासन को उपलब्ध कराया जाए।
- गौरतलब है कि प्रदेश में सबसे अधिक 203 वीर नारियाँ (युद्ध विधवा) पिथौरागढ़ ज़िले में हैं। इसमें 185 वीर नारियाँ देश के लिये शहीद हुए सैनिकों, 17 जेसीओ और एक शहीद सैन्य अधिकारी की पत्नी हैं।
- इसके अलावा अल्मोड़ा में 82, बागेश्वर में 97, चंपावत में 32, चमोली में 115, देहरादून में 143, हरिद्वार में 13, लैंसडाउन में 150, नैनीताल में 69, पौड़ी में 70, रुद्रप्रयाग में 43, टिहरी में 63, ऊधमसिंह नगर में 40, उत्तरकाशी में 10 वीर नारियाँ हैं।
- प्रदेश में देश की सुरक्षा के लिये अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले वीर जवानों की कमी नहीं है। राज्य में 1727 सैनिकों और पूर्व सैनिकों को महावीर चक्र, वीर चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र, सेना मेडल आदि विभिन्न वीरता पुरस्कार मिले हैं।