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झारखंड

बोकारो में बर्ड फ्लू का प्रकोप

  • 10 Mar 2025
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

एक अधिकारी ने झारखंड के बोकारो ज़िले  में बर्ड फ्लू के प्रकोप की सूचना दी, लगभग एक महीने पहले इस बीमारी के कारण रांची में 5,500 पक्षियों को मार दिया गया था।

केंद्र ने 7 मार्च 2025 को झारखंड के मुख्य सचिव को एक पत्र जारी करके एवियन इन्फ्लूएंजा के H5N1 स्ट्रेन के कारण होने वाले प्रकोप की पुष्टि की।

मुख्य बिंदु

  • प्रकोप की उत्पत्ति:
    • अधिकारियों ने पता लगाया कि यह बीमारी बोकारो के सेक्टर 12 स्थित एक सरकारी पोल्ट्री फार्म में फैली है, जहाँ पहले ही लगभग 250 पक्षी मर चुके थे।
  • रोकथाम के उपाय:
    • 8 मार्च 2025 को बोकारो प्रशासन ने केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देशों का पालन करते हुए 46 पक्षियों को मार दिया और 506 अंडों को नष्ट कर दिया।
    • अधिकारियों ने 1,717 किलोग्राम पोल्ट्री फीड भी नष्ट कर दिया तथा आगे प्रसार को रोकने के लिये पूरे फार्म को संक्रमण मुक्त कर दिया। 
  • प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित:
    • प्रभावित फार्म के चारों ओर 1 किलोमीटर की परिधि को संक्रमित क्षेत्र घोषित किया गया है, जहाँ सभी पक्षियों को मार दिया जाएगा।
    • 10 किलोमीटर के दायरे को निगरानी क्षेत्र घोषित कर दिया गया है, जिसमें मुर्गी की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
    • अधिकारियों ने जनता को सूचित करने के लिये जागरुकता अभियान शुरू किया है।
  • झारखंड में बर्ड फ्लू के मामले:
    • इससे पहले फरवरी 2025 में राँची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) में बर्ड फ्लू का प्रकोप सामने आया था, जिसके कारण 5,488 पक्षियों को मार दिया गया था।

H5B1 बर्ड फ्लू क्या है?

  • पृष्ठभूमि:
    • एवियन इन्फ्लूएंज़ा A(H5N1) अथवा H5B1 बर्ड फ्लू एक अत्यधिक रोगजनक जीवाणु है जो मुख्य रूप से पक्षियों में संचरित होता है किंतु स्तनधारियों को संक्रमित कर सकता है।
    • H5N1 की उत्पत्ति वर्ष 1996 में चीन में एक जीवाणु के प्रकोप से हुई और तेज़ी से एक अत्यधिक रोगजनक प्रभेद (Strain) में विकसित हुआ।
    • वर्ष 2020 के बाद से, यह यूरोप, अफ्रीका, एशिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिका में फैल गया।
    • भारत में वर्ष 2015 में महाराष्ट्र और गुजरात राज्य में H5N1 संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया गया।
  • पशुओं पर प्रभाव:
    • वन्य पक्षी, जिनमें कैलिफोर्निया कोंडोर जैसी संकटापन्न जातियाँ भी शामिल हैं, H5N1 से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
    • इसके प्रभावित होने वाली मुख्य प्रजाति मुर्गी थी।
    • सी-लायन्स और डॉल्फिन जैसे समुद्री स्तनधारियों को चिली तथा पेरू जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मौत का सामना करना पड़ा है। 
    • उत्तरी अमेरिका में लोमड़ी, प्यूमा, भालू जैसे स्तनधारी और स्पेन व फिनलैंड में फार्म मिंक भी संक्रमित हो गए हैं।

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