बिहार
बुनियादी संकेतकों में बिहार की प्रगति
- 08 Oct 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) ने बिहार के शिक्षा, स्वास्थ्य और शासन के महत्त्वपूर्ण विकास क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित किया।
मुख्य बिंदु
- शिक्षा और स्वास्थ्य में प्रदर्शन: बिहार शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी संकेतकों में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है और आशा है कि कुछ वर्षों में यह राष्ट्रीय मानकों के बराबर पहुँच जाएगा।
- आकांक्षी/ एस्पिरेशनल ब्लॉक: बेहतर प्रशासन (गवर्नेंस) और सेवा वितरण आकांक्षी ब्लॉकों को आकांक्षी ब्लॉकों में बदल रहे हैं।
- प्रशासन में AI: बिहार नीति निर्माताओं और मध्य-कैरियर अधिकारियों के लिये AI-संचालित निर्णय समर्थन प्रणाली लागू करने वाला पहला भारतीय राज्य है ।
- BIPARD की भूमिका: बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (BIPARD) ने डेटा-संचालित शासन, सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण और सहयोगात्मक नीति निर्माण पर केंद्रित तीन उन्नत प्रयोगशालाएँ शुरू की हैं।
- BIPARD में नई प्रयोगशालाओं का परिचय :
- जेननेक्स्ट (GenNext Lab) लैब: यह लैब प्रशासकों को डेटा-संचालित निर्णय लेने, पूर्वानुमान विश्लेषण और शासन अनुकूलन में प्रशिक्षित करने के लिये सुरक्षित कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाएगी।
- नीति शाला लैब: उन्नत सिमुलेशन तकनीकों का उपयोग करके एक इमर्सिव लर्निंग वातावरण। प्रशिक्षु अपने शासन कौशल को बढ़ाने के लिये वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों से जुड़ेंगे।
- विकसित चिंतन कक्ष: राज्य अधिकारियों के लिये महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों पर रणनीति बनाने और विचार-विमर्श करने हेतु एक सहयोगात्मक स्थान। नीति सर्वसम्मति और प्रशासनिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिये संचार और डेटा-साझाकरण उपकरणों से सुसज्जित।
नीति आयोग
- पृष्ठभूमि:
- 1 जनवरी, 2015 को योजना आयोग के स्थान पर एक नई संस्था नीति आयोग की स्थापना की गई, जिसमें 'सहकारी संघवाद' की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार के दृष्टिकोण की परिकल्पना करने के लिये 'नीचे से ऊपर' दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया गया।
- इसमें दो हब हैं:
- टीम इंडिया हब राज्यों और केंद्र के बीच इंटरफेस के रूप में कार्य करता है।
- ज्ञान और नवाचार हब नीति आयोग के थिंक-टैंक कौशल का निर्माण करता है।
- संघटन:
- अध्यक्ष: प्रधानमंत्री
- उपाध्यक्ष: प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाएगा
- गवर्निंग काउंसिल: सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल।
- क्षेत्रीय परिषद: विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार करने के लिये, जिसमें मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल शामिल होते हैं, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री या उनके द्वारा नामित व्यक्ति करते हैं।
- तदर्थ सदस्यता: अग्रणी अनुसंधान संस्थानों से पदेन क्षमता में दो सदस्य, चक्रानुक्रम पर।
- पदेन सदस्यता: केंद्रीय मंत्रिपरिषद से अधिकतम चार सदस्य, जिन्हें प्रधानमंत्री द्वारा नामित किया जाएगा।
- मुख्य कार्यकारी अधिकारी: भारत सरकार के सचिव के पद पर, एक निश्चित कार्यकाल के लिये प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- विशेष आमंत्रित: प्रधानमंत्री द्वारा नामित विशेषज्ञ, डोमेन ज्ञान वाले विशेषज्ञ।
- उद्देश्य:
- राज्यों के साथ सतत् आधार पर संरचित समर्थन पहलों और तंत्रों के माध्यम द्वारा सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना, यह स्वीकार करते हुए कि दृढ़ राज्य ही दृढ़ राष्ट्र का निर्माण करते हैं।
- ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजनाएँ तैयार करने के लिये तंत्र विकसित करना तथा इन्हें सरकार के उच्चतर स्तरों पर उत्तरोत्तर एकीकृत करना।
- यह सुनिश्चित करना कि जिन क्षेत्रों को विशेष रूप से इसके अधीन भेजा गया है, उनमें राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को आर्थिक रणनीति और नीति में शामिल किया गया है।
- हमारे समाज के उन वर्गों पर विशेष ध्यान देना जो आर्थिक प्रगति से पर्याप्त लाभ न उठा पाने के जोखिम में हैं।
- प्रमुख हितधारकों और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय समान विचारधारा वाले थिंक टैंकों के साथ-साथ शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित करना और सलाह प्रदान करना।
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, व्यवसायियों और अन्य भागीदारों के सहयोगी समुदाय के माध्यम से ज्ञान, नवाचार और उद्यमशीलता सहायता प्रणाली का निर्माण करना।
- विकास एजेंडे के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिये अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय मुद्दों के समाधान हेतु एक मंच प्रदान करना।
- एक अत्याधुनिक संसाधन केंद्र बनाए रखना, सुशासन और सतत एवं समतामूलक विकास में सर्वोत्तम प्रथाओं पर अनुसंधान का भंडार बनना तथा हितधारकों तक उनके प्रसार में सहायता करना।