बिहार पुलिस सुधार | 28 Feb 2022

चर्चा में क्यों?

27 फरवरी, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस सप्ताह के समापन समारोह में कहा कि राज्य सकरार का लक्ष्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों की संख्या को बढ़ाकर प्रति एक लाख आबादी पर 165 से 170 करना है।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि भारत में प्रति लाख व्यक्तियों पर पुलिसकर्मियों की स्वीकृत संख्या 195.39 जबकि वास्तविक संख्या 155.78 है। वहीं बिहार में अभी भी प्रति एक लाख की आबादी पर सिर्फ 100 पुलिसकर्मी हैं। 
  • एनसीआरबी 2020 के आँकड़ों के अनुसार अपराध दर के मामले में बिहार 23वें स्थान पर है जबकि अपराधों के संदर्भ में ही इसे जनसंख्या के हिसाब से तीसरा और क्षेत्रफल के हिसाब से 12वाँ स्थान दिया गया है।
  • गौरतलब है कि बिहार में आधुनिक युग में पुलिसिंग की शुरुआत वर्ष 1862 में भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के लागू होने के साथ हुई थी
  • स्वतंत्रता के बाद बिहार पुलिस ने 1952 में पुलिस कल्याण कोष, पुलिस अस्पताल और पुलिस सूचना कक्ष (पीआईआर) के निर्माण जैसी नवीन पुलिसिंग और कल्याणकारी प्रथाओं की शुरुआत के साथ एक समृद्ध परंपरा की विरासत सँभाली।
  • 1958 में एक पुलिस आयोग की भी स्थापना की गई, जिसका कार्य पुलिस को लोगों के करीब लाना था।