बिहार
बिहार शिक्षा विभाग ने जारी किया मॉडल टाइम टेबल
- 29 Nov 2023
- 4 min read
चर्चा में क्यों?
28 नवंबर, 2023 को बिहार के शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के लिये मॉडल टाइम टेबल जारी किया गया है। यह 1 दिसंबर से सभी विद्यालयों में समान रूप से प्रभावी होगा।
प्रमुख बिंदु
- मॉडल टाइम टेबल के अनुसार विद्यालय सुबह 9:00 बजे खुलेगा। सुबह 9:00 से 9:30 बजे तक प्रार्थना योगाभ्यास, व्यायाम एवं ड्रिल होगी।
- पहली घंटी 9:30 से 10:10 तक, दूसरी 10:10 से 10:50 तक, तीसरी 10:50 से 11:30 तक, चौथी 11:30 से 12:10 तक होगी।
- एमडीएम एवं मध्यांतर 12:10 से 12:50 तक होगा। इसके बाद पाँचवी घंटी 12:50 से 1:30 तक, छठी घंटी 1:30 से 2:10 तक, सातवी घंटी 2:10 से 2:50 तक, आठवी घंटी 2:50 से 3:30 तक रहेगी।
- पहली घंटी सुबह 9:30 बजे प्रारंभ होगी तथा छात्र-छात्राओं की छुट्टी अपराह्न 3:30 बजे होगी।
- आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस टाइम टेबल के जरिये स्कूल बंद होंगे और शुरू होंगे। स्कूल अपने स्तर पर इस टाइम टेबल में कोई बदलाव नहीं कर सकेंगे, अगर स्कूल में किसी कक्षा की बोर्ड या सेंटअप परीक्षा हो रही है तो अन्य कक्षाएँ निलंबित नहीं की जाएंगी।
- शनिवार को पूरे दिन चहल-पहल रहेगी, भोजनावकाश के बाद शिक्षण कार्य होगा। इसके बाद बाल संसद और अभिभावकों के साथ बैठक होगी।
- संस्कृत बोर्ड स्कूल और सरकारी उर्दू स्कूल भी उपरोक्त मॉडल टाइम टेबल का पालन करेंगे। मिशन दक्ष की तरह दोपहर 3:30 बजे से शाम 4:15 बजे तक विशेष कक्षाएँ संचालित की जाएंगी। कक्षा 1 और 2 के बच्चों को छोड़कर शाम 4.15 से 5.00 बजे तक होमवर्क चेक किया जाएगा, पाठ्य टिप्पणी तैयार की जाएगी, मिशन दक्ष की कक्षाएँ ली जाएंगी। शिक्षकों की छुट्टी 5 बजे होगी।
- अपर मुख्य सचिव पाठक ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पाँच बच्चों को पढ़ाना होगा। शिक्षकों को इतने बच्चों को गोद लेना होगा। इन शिक्षकों की ज़िम्मेदारी होगी कि वे जिस कक्षा में नामांकित हैं, उस कक्षा का बच्चों को गुणवत्तापूर्ण ज्ञान दें।
- यह पूरी कवायद ‘मिशन दक्ष’ के तौर पर संचालित की जाएगी। सरकारी स्कूलों में पढ़ने में बेहद कमजोर कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिये विशेष कक्षाएँ लगाई जाएंगी।
- अपर मुख्य सचिव पाठक ने ज़िला अधिकारियों से कहा है कि अप्रैल 2024 में ज़िला स्तर पर 25 लाख बच्चों की परीक्षा आयोजित की जाएगी। यदि ये बच्चे उस परीक्षा में फेल हो गये, तो संबंधित प्रधानाध्यापक व शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस पूरी कवायद की ज़िम्मेदारी ज़िला अधिकारियों को सौंपी गई है।