बिहार
बिहार जाति सर्वेक्षण को सार्वजनिक डोमेन में रखा जाएगा: सर्वोच्च न्यायालय
- 04 Jan 2024
- 2 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार जाति आधारित सर्वे के मामले में कहा कि सर्वे का पूरा विवरण सार्वजनिक डोमेन में डाला जाना चाहिये ताकि उसके निष्कर्षों को अगर कोई चाहे तो चुनौती दे सके।
- बिहार सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा है कि जातिवार डेटा पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है।
मुख्य बिंदु:
- न्यायाधीशों के पैनल ने उन याचिकाकर्त्ताओं को कोई भी सहायता देने से इनकार कर दिया, जिन्होंने जाति सर्वेक्षण और पटना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है, जो इस तरह के कार्य को करने के लिये बिहार सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं।
- बिहार जाति सर्वेक्षण, 2023 से पता चलता है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBCs) मिलकर राज्य की कुल आबादी का 63% हिस्सा हैं।
- जारी आँकड़ों के अनुसारराज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36%) सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है, इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग 27.13% है।
- चूँकि सर्वेक्षण के आँकड़े सामने आ गए है और अधिकारियों द्वारा इसे अंतरिम रूप से लागू करना शुरू कर दिया गया है और SCs, STs, OBCs, EBCs एवं आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों (EWS) के लिये आरक्षण को मौजूदा 50% से बढ़ाकर कुल 75% कर दिया है।