उत्तर प्रदेश
कोयले को मीथेन में बदलने पर काम करेगा बीएचयू
- 25 May 2023
- 2 min read
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार कोयला मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वैज्ञानिकों को ग्रीन एनर्जी पर अपनी तरह का देश का पहला महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट दिया है, जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक कोयले को ज़मीन के अंदर इसकी मूल स्थिति में ही मीथेन में बदलने पर काम करेंगे।
प्रमुख बिंदु
- ऊर्जा संकट के मद्देनज़र ही मंत्रालय ने कोयले के बायोमिथेनाइजेशन पर यह महत्त्वपूर्ण परियोजना दी है। इसके अंतर्गत अध्ययन में देखा जाएगा कि कोयले को इन-सीटू (वह प्राकृतिक व मूल स्थिति, जिसमें ज़मीन के भीतर कोयला रहता है) स्थिति में ‘मीथेन’में बदलने में जैविक विधि कितनी कारगर होती है।
- यह अध्ययन बीएचयू के भूविज्ञान विभाग के प्रो. प्रकाश कुमार सिंह और वनस्पति विज्ञान की प्रो. आशालता सिंह करेंगी।
- प्रो. प्रकाश सिंह तथा प्रो. आशालता सिंह की टीम डीएसटी के एक अन्य प्रोजेक्ट में यह अध्ययन कर रही है कि भारत के पूर्वोत्तर और कुछ अन्य स्थानों में पाए जाने वाले सल्फर-युक्त कोयले से बायो केमिकल तकनीक द्वारा कैसे सल्फर कम किया जा सके। इससे सल्फर से होने वाली पर्यावरणीय क्षति से बचा जा सकता है।
- इस अध्ययन से दो परिणाम निकलेंगे। पहला यह कि कोयले को जमीन में ही मीथेन में बदलकर ग्रीन एनर्जी प्राप्त की जा सकेगी। दूसरा, कोयला खनन रोकने से पर्यावरण को होने वाले दुष्परिणाम से भी बचाया जा सकेगा।
- हाल ही में कोल इंडिया के सीएमपीडीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने बीएचयू का दौरा किया और परियोजना की बारीकियों को जाना।