देश में साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन में भोपाल को दूसरा स्थान | 02 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में साइबर अपराध की क्रिप्टो करेंसी संबंधी धोखाधडी की बेहतर और पुख्ता इन्वेस्टिगेशन के लिये भोपाल साइबर पुलिस को देश में दूसरा स्थान प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) नई दिल्ली में गत दिवस किये गए प्रेजेंटेशन में साइबर क्राइम भोपाल की इन्वेस्टिगेशन संबंधी केस-स्टडी को सर्वश्रेष्ठ 10 केस-स्टडी में चुना गया।
- साइबर पुलिस ने अपने प्रेजेंटेशन में दिखाया कि इन्वेस्टिगेशन के दौरान किस प्रकार से जापान के क्लाइंट के लिये इंदौर के पीयूष सिंह की कंपनी ने मुख्यत: तीन प्रोडक्ट्स बनाए। इन प्रोडक्ट्स का उपयोग कर कोई भी उपयोगकर्त्ता (EndUser) अपना डिजिटल वालेट (अकाउंट) बना सकता है।
- इस डिजिटल वालेट में वह क्रिप्टो संपत्ति स्टोर कर सकता है और उन्हें निवेश कर सकता है। क्रिप्टोएसेट्स को ट्रांसफर भी कर सकता है तथा उपयोगकर्त्ता को रिवॉर्ड और बोनस मिलता है, जो हर दिन कंपनी के डिजिटल अकाउंट में क्रेडिट होता है।
- इन्वेस्टिगेशन में पाया गया कि जापानी मूल का केशी कुबी, जो कि पीयूष सिंह की कंपनी में ही पूर्व से कार्य करता था, गोपनीय जानकारियों का गलत उपयोग कर पीयूष सिंह के जापानी क्लाइंट के प्रोडक्ट में फर्ज़ी यूज़र बना दिये और उनमें एपीआई के द्वारा क्रिप्टो का फर्ज़ी इन्वेस्टमेंट दिखाया। इससे आरोपी को भी प्रतिदिन रिवॉर्ड मिलने लगे।
- आरोपी anglieum wallet के एक फीचर ote (जिसमें कंपनी यूज़र से ANX लेकर उसी वैल्यू का BTC कंपनी वालेट से यूज़र को देती थी) का यूज़ कर क्रिप्टोकरेंसी ANX को BTC में कनवर्ट करता तथा BTC (BITCOIN) को अपने और अपने परिजनों के क्रिप्टो वालेट में ट्रांसफर कर धोखाधड़ी करने का कार्य करता रहा। साइबर पुलिस ने अपने इन्वेस्टिगेशन में फर्ज़ी पते को भी डिकोड कर अपराध का पर्दाफाश किया।