बरौनी रिफाइनरी को मिला सर्वश्रेष्ठ रिफाइनरी का पुरस्कार | 14 Oct 2023

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के उच्च प्रौद्योगिकी केंद्र (सीएचटी) ने बिहार के बेगूसराय ज़िले में स्थित बरौनी रिफाइनरी को 09 एमएमटीपीए से कम क्षमता की श्रेणी के तहत प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ रिफाइनरी प्रदर्शन सुधार पुरस्कार से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि 9-11 अक्तूबर तक नई दिल्ली में सीएचटी द्वारा आयोजित 26वीं ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य, निदेशक (रिफाइनरीज़) शुक्ला मिस्त्री एवं बरौनी रिफाइनरी के कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा को यह पुरस्कार प्रदान किया।
  • 26वीं ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक का विषय ‘उभरती ऊर्जा प्रवृत्तियाँ और रिफाइनिंग का भविष्य’ था और इसमें दुनिया भर के लगभग 1400 प्रतिनिधियों और वक्ताओं ने भाग लिया।
  • पुरस्कार का मूल्यांकन वित्त वर्ष 2022-23 के लिये सात महत्त्वपूर्ण मापदंडों पर आधारित था।
  • बरौनी रिफाइनरी ने 2022-23 के दौरान क्रूड थ्रुपुट 6785.40, एमबीएन 71.24, परिचालन उपलब्धता 99.90 प्रतिशत, परिचालन लागत 1.92 डॉलर/बीबीएल, विशिष्ट भाप खपत 0.90, ऊर्जा संरक्षण उपाय 18807 एसआरएफटी/वर्ष, विशिष्ट जल खपत 0.83 तथा कार्बन उत्सर्जन तीव्रता 1459.50 टीएमटी सहित सभी पैरामीटर पर देश में नौ एमएमटीपीए से कम क्षमता वाली सभी रिफाइनरियों से बेहतर प्रदर्शन किया।
  • गौरतलब है कि इंडियन ऑयल की एक राज्य स्वामित्व वाली बरौनी रिफाइनरी का निर्माण सोवियत संघ के सहयोग से रोमानिया की सीमित भागीदारी के साथ 49.40 करोड़ रुपए की लागत से 1964 में 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष शोधन की क्षमता के साथ किया गया था। 15 जनवरी, 1965 में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री डॉ. हुमायूँ कबीर द्वारा इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया था।
  • गौरतलब है कि मई 2022 में बरौनी रिफाइनरी में ऊर्जा कुशल संचालन की दिशा में एक नई पहल के रूप में, भारत का पहला और दुनिया का तीसरा ग्रीन कूलिंग टॉवर कमीशन किया गया था।