MPPSC परीक्षा में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक | 18 Feb 2022

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी परीक्षा में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी है। 

प्रमुख बिंदु

  • हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार और एमपीपीएससी को नोटिस जारी करते हुए ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्देश दिये हैं। साथ ही 27 प्रतिशत ओबीसी को आरक्षण देने पर स्पष्टीकरण भी मांगा है। 
  • याचिका में कहा गया कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने से कुल आरक्षण 63 प्रतिशत हो जायेगा। जो कि इंदिरा साहनी वाद में दिये गए आदेश का उल्लंघन है।
  • गौरतलब है कि सामान्य वर्ग की छात्रा निहारिका त्रिपाठी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में 27 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसमें एमपीपीएससी द्वारा 31 दिसंबर, 2021 को जारी परीक्षा परिणाम को चुनौती दी थी। 
  • मध्य प्रदेश सरकार ने अगस्त 2021 में राज्य में पिछड़ा वर्ग के लिये विद्यार्थियों के 14 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। 
  • सरकार द्वारा ओबीसी को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में पहले की तरह 14 प्रतिशत आरक्षण जारी रखने के लिये मार्च 2019 में अंतरिम आदेश दिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी के द्वारा विभिन्न पदों की परीक्षाओं की चयन सूची में भी ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का अंतरिम आदेश दिया था। 
  • इसके अतिरिक्त हाईकोर्ट ने चार अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी।
  • मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण के समर्थन में ईडब्ल्यूएस आरक्षण, न्यायिक सेवा में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण, एनएचएम भर्ती और महिला आरक्षण के संबंध में भी याचिकाएँ दायर की गई थीं। इन सभी याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसके बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने 31 दिसंबर, 2021 को एमपीपीएससी का परीक्षा परिणाम 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ जारी कर दिया था।