छत्तीसगढ़ में नौनिहालों के लिये की जाएगी ‘बालवाड़ी’की स्थापना | 12 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
11 फरवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में नौनिहालों की शिक्षा और शिक्षा स्तर में सुधार के लिये नई शिक्षा नीति के तहत ‘बालवाड़ी’की स्थापना की जाएगी। इन बालवाड़ी केंद्रों में खेल आधारित गतिविधियों के माध्यम से नौनिहालों के सीखने पर ज़ोर दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले चरण में राज्य भर में छह हज़ार से अधिक बालवाड़ी केंद्रों की स्थापना की घोषणा हाल ही में गणतंत्र दिवस के मौके पर की थी।
- प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल के अंतर्गत 5 से 6 वर्ष आयु के बच्चों के लिये ऐसे स्थानों पर प्ले स्कूल ‘बालवाड़ी’की स्थापना की जाएगी, जहाँ आंगनवाड़ी और प्राथमिक शाला एक ही प्रांगण में हों।
- प्रथम चरण में ऐसी 6 हज़ार से अधिक बालवाड़ी प्रारंभ की जाएंगी। राज्य में ऐसे केंद्रों की संख्या 6536 है, जहाँ प्राथमिक शालाएँ आंगनवाड़ी में ही स्थित हैं। प्रस्ताव के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही बालवाड़ी (बालवाटिका) का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
- बालवाड़ी में प्रवेश के लिये 5 से 6 वर्ष आयु के बच्चों की अनुमानित संख्या एक लाख 15 हज़ार है। इन बच्चों के लिये एससीईआरटी ने बालवाटिका गतिविधि पुस्तिका भी तैयार कर ली है।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नई पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिये स्कूल शिक्षा से उच्च शिक्षा तक और रोज़गार से लेकर संस्कार विकसित करने तक अनेक कदम उठाए हैं।
- प्रदेश के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के बच्चों को भी भविष्य में बेहतर अवसर मुहैया कराने के लिये स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम शालाओं की स्थापना की गई है। राज्य में अभी 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम शालाएँ संचालित की जा रही हैं, जिनमें 20 हज़ार से अधिक बच्चों को अंग्रेज़ी माध्यम में शिक्षा दी जा रही है। इसी तरह ऐसी हिन्दी शालाओं की स्थापना भी प्रत्येक ज़िले में की जाएगी।