उत्तराखंड
अनाथ बच्चों के लिये शुरू होगी ‘बालाश्रय योजना’
- 06 Sep 2022
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चर्चा में क्यों?
5 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में अनाथ बच्चों की कक्षा एक से 12वीं तक की शिक्षा व्यवस्था के लिये राज्य सरकार ‘बालाश्रय योजना’शुरू करेगी।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक दिवस पर मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में शिक्षकों और मेधावी छात्रों को पुरस्कृत करते हुए यह घोषणा की।
- मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएँ-
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बालाश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों की 12वीं तक की पढ़ाई के साथ ही उन्हें मुफ्त पुस्तकें, स्कूल ड्रेस, बैग, जूते, मोजे एवं लेखन सामग्री दी जाएगी।
- प्रदेश में दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्रों में पहले चरण में अधिक छात्र संख्या वाले 50 स्कूलों में शिक्षकों के लिये शिक्षक आवास बनाए जाएंगे। सरकारी स्कूलों में भूमि की उपलब्धता के आधार पर पंचायतों को दी जाने वाली धनराशि से स्कूलों में खेल मैदान तैयार किये जाएंगे।
- संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर हाईस्कूल स्तर पर 100 स्कूलों में एकीकृत प्रयोगशाला एवं इंटरमीडिएट स्तर पर 100 स्कूलों में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भूगोल आदि की प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी।
- पीएम पोषण योजना के तहत छह लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को सप्ताह में एक दिन के स्थान पर अब दो दिन दूध दिया जाएगा।
- राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास एवं नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय छात्रावास में छात्र-छात्राओं की भोजन व्यवस्था के लिये सौ रुपए प्रतिदिन की दर से धनराशि दी जाएगी।
- केंद्रपोषित योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि के अलावा होने वाले व्यय को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- केंद्रीय विद्यालयों की तरह प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के लंबे अवकाश पर रहने के दौरान स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर न पड़े, इसके लिये स्थानीय स्तर पर विषयगत शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी।
- निदेशालय स्तर पर शिक्षा में सुधार के लिये सुझाव प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा।
- प्रधानाचार्य के पास 50 हज़ार रुपए की व्यवस्था रहेगी।