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उत्तराखंड

आयुष्मान योजना

  • 17 Feb 2022
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के तहत इलाज की व्यवस्था में सरकार ने बदलाव करते हुए यह अनिवार्य कर दिया है कि अब मरीजों को सरकारी अस्पतालों से रेफर करने के बाद ही सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिल पाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कोरोना काल में सीधे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने की छूट दी थी लेकिन अब कोरोना संक्रमण के कम होते ही इस छूट को खत्म कर दिया गया है।
  • स्टेट हेल्थ एजेंसी द्वारा पाँच लाख रुपये के निशुल्क इलाज वाली आयुष्मान योजना के लिये तो रेफरल अनिवार्य कर दिया गया है लेकिन सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिये चलाई जा रही केशलेस राज्य स्वास्थ्य योजना के तहत इलाज के लिये रेफरल अनिवार्य नहीं है अर्थात मरीज सीधे सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिये जा सकेंगे।
  • हालाँकि राज्य के एनएवीएच मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को सीधे ही इलाज की सुविधा मिल जाएगी। 
  • विदित है कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
  • इसके तहत प्रत्येक लाभार्थी परिवार को सार्वजनिक व निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य उपचार के लिये प्रति वर्ष 5,00,000 रुपए का बीमा कवर प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने और बाद के खर्च (जैसे चिकित्सीय जाँच तथा दवाओं) को भी शामिल किया गया है।
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