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हरियाणा

आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार

  • 07 Apr 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को बड़ी राहत देते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति के मसौदा को मंजूर किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस नीति का उद्देश्य राज्य सरकार के सभी लाभार्थियों तक अपनी पहुँच के माध्यम से आयुष प्रणाली का उत्थान करना है।
  • चूँकि इन लाभार्थियों में से अधिकांश आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत अपना इलाज करवा रहे हैं, लेकिन सूचीबद्ध आयुष अस्पताल नहीं होने के कारण उन्हें अपने बिलों की प्रतिपूर्ति करवाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। इन्हीं कठिनाइयों को देखते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति का मसौदा तैयार किया गया है।
  • इस नीति के अनुसार, सभी सरकारी आयुष संस्थान, निजी आयुष अस्पताल, जिनके पास एनएबीएच प्रमाणपत्र और प्रवेश स्तर के एनएबीएच प्रमाणपत्र हैं, उन्हें इस नीति के तहत सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे आयुष निजी चिकित्सकों को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि वे अपने अस्पतालों को सूचीबद्ध करवा सकते हैं।
  • हरियाणा सरकार के कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके आश्रित राज्य सरकार के तहत आयुष सूचीबद्ध अस्पतालों में पेसेंट के रूप में दाखिल होकर अपनी बीमारी का इलाज करा सकते हैं।
  • कुछ योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की पुरानी बीमारी के रोगियों के बाह्य उपचार के दौरान भी प्रतिपूर्ति की जाएगी क्योंकि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अस्पतालों में बाह्य रोगियों को उपचार कराने के लिये कोई दवा निर्धारित नहीं है।
  • निश्चित पैकेज दरों को आयुष की सभी धाराओं अर्थात आयुर्वेद (96 पैकेज), योग (27 पैकेज) और प्राकृतिक चिकित्सा (30 पैकेज), यूनानी (85 पैकेज), और सिद्ध (49 पैकेज) में परिभाषित किया गया है।
  • इस नीति के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पताल कर्मचारियों से निश्चित पैकेज दरों पर शुल्क लेंगे, जिसकी प्रतिपूर्ति बाद में संबंधित विभाग को बिल जमा करने के बाद की जाएगी। कमरे का किराया भी कर्मचारी के मूल वेतन के अनुसार तय किया जाएगा, जो संबंधित अस्पताल द्वारा पात्रता के अनुसार लिया जाएगा और पूरी तरह से प्रतिपूर्ति योग्य होगा।
  • राज्य के सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के माध्यम से इनडोर दाखिल होने के दौरान गैर-पैकेज उपचार के मामले में भी कमरे के किराए की पात्रता, प्रयोगशाला दरों और प्रवेश के दौरान दी गई दवाओं की लागत के बराबर प्रतिपूर्ति की जाएगी।
  • इस नीति के तहत दवाओं की प्रतिपूर्ति योग्य सूची भी तैयार की जाएगी, जो निजी आयुष सूचीबद्ध अस्पतालों में इनडोर प्रवेश के दौरान पूरी तरह से प्रतिपूर्ति योग्य होगी।  
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