एवियन इन्फ्लूएंज़ा संकट से निपटने की तैयारी | 22 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी मंत्रालय तथा विश्व बैंक ने हाल ही में राष्ट्रीय तथा विश्व स्तर पर सामने आए एवियन इन्फ्लूएंज़ा या बर्ड फ्लू के मामलों के मद्देनजर तैयारी में सुधार लाने के लिये मध्य प्रदेश में दो दिवसीय अनुकरण अभ्यास का आयोजन किया।
मुख्य बिंदु:
- मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित इस अभ्यास में विभिन्न क्षेत्रों के 40 प्रतिभागियों ने महामारी की पहचान, त्वरित प्रतिक्रिया विधियों और एवियन फ्लू के प्रसार से निपटने के लिये अंतर-एजेंसी सहयोग का अभ्यास किया।
- यह अभ्यास केरल में एवियन फ्लू के प्रकोप तथा मवेशियों जैसी गैर-पोल्ट्री प्रजातियों को प्रभावित करने वाले वैश्विक स्तर पर बढ़ते मामलों के प्रतिक्रिया स्वरूप आयोजित किया गया था।
- कार्यक्रम में संकट प्रबंधन अनुभव प्रदान करने के लिये वास्तविक प्रकोप स्थितियों की नकल करते हुए संवादात्मक परिदृश्य शामिल थे
- इस अनुकरण का नेतृत्व विश्व बैंक के वरिष्ठ कृषि अर्थशास्त्री हिकुएपी काटजिओंगुआ और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ फ्रैंक वोंग ने किया, जिसका लक्ष्य पशु तथा मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव को कम करना था।
विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन
- यह विश्व में पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार हेतु उत्तरदायी एक अंतर-सरकारी संगठन है।
- वर्ष 2018 में कुल 182 देश इसके सदस्य थे। भारत इसके सदस्य देशों में से एक है।
- यह नियमों से संबंधित मानक दस्तावेज़ विकसित करता है जिसका उपयोग सदस्य देश बीमारियों और रोगाणुओं के प्रवेश से खुद को बचाने के लिये कर सकते हैं। उनमें से एक स्थलीय पशु स्वास्थ्य संहिता है।
- इसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) द्वारा संदर्भित संगठन (Reference Organisation) के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- इसका मुख्यालय पेरिस, फ्राँस में है।
एवियन इन्फ्लूएंज़ा
- परिचय:
- एवियन इन्फ्लूएंज़ा, जिसे प्रायः बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से पक्षियों, विशेषकर जंगली पक्षियों और घरेलू मुर्गियों को प्रभावित करता है।
- वर्ष 1996 में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंज़ा H5N1 वायरस सर्वप्रथम दक्षिणी चीन में घरेलू जलपक्षियों में पाया गया था
- इस वायरस का नाम A/goose/Guangdong/1/1996 रखा गया है।
- मनुष्यों में संचरण और संबंधित लक्षण:
- H5N1 एवियन इन्फ्लूएंज़ा के मानव मामले कभी-कभी होते हैं, लेकिन संक्रमण को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाना मुश्किल होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जब लोग इससे संक्रमित होते हैं तो मृत्यु दर लगभग 60% होती है।
- यह बुखार, खाँसी और मांसपेशियों में दर्द सहित हल्के फ्लू जैसे लक्षणों से लेकर निमोनिया, साँस लेने में कठिनाई जैसी गंभीर श्वसन समस्याओं तथा यहाँ तक कि कुप्रभावित मानसिक स्थिति एवं दौरे जैसी संज्ञानात्मक समस्याओं तक विस्तृत हो सकता है।