प्रयागराज शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 29 जुलाई से शुरू
  संपर्क करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


झारखंड

मणिपुर में झारखंड के मज़दूरों पर हमला

  • 27 May 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

झारखंड के मज़दूर जो बेहतर अवसरों की तलाश में वर्ष 2024 की शुरुआत में संघर्ष प्रभावित मणिपुर में चले गए थे, अब इंफाल में सशस्त्र अपराधियों द्वारा एक व्यक्ति की घातक गोलीबारी और दो अन्य के घायल होने के बाद बड़ी संख्या में वापस आ रहे हैं।

मुख्य बिंदु:

  • यह राज्य के जातीय संघर्ष की शुरुआत के बाद से गैर-मणिपुरी व्यक्तियों पर हमले की पहली घटना है।
  • गैर-स्थानीय लोगों के खिलाफ हिंसा के ऐसे कृत्यों ने राज्य में सात मैतेई चरमपंथी समूहों पर प्रतिबंध को बार-बार बढ़ाने के केंद्र सरकार के निर्णय में योगदान दिया है।
    • मणिपुर में लंबे समय से चले आ रहे जातीय संघर्ष में मैतेई बहुसंख्यक और कुकी-ज़ो अनुसूचित जनजाति समुदाय शामिल हैं।
    • संघर्ष में अब तक 225 से अधिक लोगों की मौत दर्ज की गई है, जिसके परिणामस्वरूप हज़ारों लोग घायल हुए हैं और हज़ारों लोगों को आंतरिक रूप से विस्थापित होना पड़ा है।
  •  राज्य में बड़ी संख्या में गायब हुए हथियारों की वज़ह से नागरिकों का अपहरण और हमले जैसी घटनाओं में वृद्धि का कारण अरामबाई तेंगगोल जैसे कट्टरपंथी संगठनों एवं यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) जैसे घाटी स्थित विद्रोही समूहों के सदस्यों को माना जाता है।
  • दोनों समुदायों के बीच तनाव बना हुआ है, जिसके कारण पहाड़ी और घाटी ज़िलों को अलग करने वाले बफर ज़ोन (मध्यवर्ती क्षेत्र) के पास कभी-कभी हमले होते रहते हैं।

मैतेई समुदाय

  • मैतेई लोगों को मणिपुरी लोगों के रूप में भी जाना जाता है
    • उनकी प्राथमिक भाषा मैतेई है, जिसे मणिपुरी भी कहा जाता है और यह मणिपुर की एकमात्र आधिकारिक भाषा है।
  • ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में बसे हुए हैं, हालाँकि एक बड़ी आबादी अन्य भारतीय राज्यों, जैसे- असम, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय और मिज़ोरम में निवास करती है।
    • पड़ोसी देशों म्याँमार और बांग्लादेश में भी मैतेई की उल्लेखनीय उपस्थिति है।
  • मैतेई लोग गोत्रों में विभाजित हैं तथा एक ही गोत्र के सदस्य आपस में विवाह नहीं करते हैं।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2