मध्य प्रदेश
20,000 करोड़ रुपए निवेश से बनेगी अटल मेडिसिटी, हर संभाग में मप्र इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस
- 19 Dec 2023
- 4 min read
चर्चा में क्यों
18 दिसंबर, 2023 को मध्य प्रदेश जन संपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपए के निवेश से मध्य प्रदेश निरामय इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन में अटल मेडिसिटी स्थापित की जाएगी और प्रत्येक संभाग में एम्स की तर्ज पर मध्य प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस स्थापित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश संकल्प पत्र 2023 में हर नागरिक को स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश संकल्प पत्र 2023 में दी गारंटी को पूरा करने के लिये सात दिन में रोडमैप बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये हैं।
- संकल्प पत्र के अनुसार प्रमुख शहरों में कैंसर रोगियों के लिये पैलियेटिव केयर सेंटर स्थापित किये जाएँगे।
- ‘वन लोकसभा-वन मेडिकल कॉलेज’ योजना के अंतर्गत हर लोकसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जाएँगे। ‘वन डिस्ट्रिक्ट-वन नर्सिंग कॉलेज’ योजना में हर ज़िले में नर्सिंग कॉलेज होगा। ‘वन ब्लॉक-वन ब्लड बैंक’ योजना में हर ब्लॉक में ब्लड बैंक बनाए जाएँगे।
- एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की संख्या तथा अस्पताल और आईसीयू में बिस्तरों की संख्या को दोगुना किया जाएगा।
- विदित हो कि वर्तमान में प्रदेश में 132 प्रकार की जाँच निशुल्क उपलब्ध हैं। हर दिन लगभग 10,000 मरीज इसका लाभ उठा रहे हैं।
- साढ़े तीन वर्षों में 800 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण और विकास किया गया है। अस्पताल में बिस्तरों की संख्या 2,000 से 42,000 हो गई है और आईसीयू में बिस्तरों की संख्या 10 गुना से ज़्यादा बढ़ाकर 2,085 की गई है।
- स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने के लिये 11,000 से अधिक ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ शुरू किये हैं। प्रदेश में 2,000 से अधिक एंबुलेंस उपलब्ध हैं। डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या 7 गुना से ज़्यादा बढ़ाकर 51,000 से अधिक की गई है।
- आयुष्मान भारत के लाभार्थियों के लिये पाँच लाख से ज़्यादा खर्च होने पर अतिरिक्त खर्च ‘सीएम रिलीफ फंड’ से किया जाएगा। निजि अस्पतालों में अत्यधिक चिकित्सा शुल्क को नियंत्रित करने के लिये एक रेगुलेटरी अथॉरिटी की स्थापना की जाएगी।
- पूरे प्रदेश में 500 नए जन औषधि केंद्र शुरू किये जाएँगे। इनमें कम कीमत पर दवाइयाँ मिलेंगी।
- वर्ष 2003 में 5 मेडिकल कॉलेज थे, जो वर्तमान में 24 हो गए हैं। एमबीबीएस की सीटें बढ़कर 4,000 से अधिक हो गई हैं। अगले पाँच सालों में 2,000 मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएँगी।
- रेयर डिजीज के रोगियों को केंद्र सरकार द्वारा दी गई 20 लाख रुपए की वित्तीय सहायता के अलावा भी वित्तीय सहायता दी जाएगी। वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त प्रदेश बनाया जाएगा। टीबी रोगियों को 1000 रुपए की मासिक वित्तीय सहायता दी जाएगी।