राजस्थान
आशा पाराशर के कथा संग्रह ‘आदमखोर’का विमोचन
- 28 Dec 2021
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चर्चा में क्यों?
27 दिसंबर, 2021 को जयपुर की कलानेरी आर्ट गैलरी में आशा पाराशर के पहले कहानी संग्रह ‘आदमखोर’का विमोचन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शारदा कृष्ण ने कहा कि लेखिका आशा पाराशर ने अपनी कहानियों में समाज के जिन विषयों को उठाया है, वह प्रशंसनीय है।
- वरिष्ठ रंगकर्मी और लेखक डॉ. अशोक राही ने कहा कि आशा पाराशर की कहानियाँ समाज का आईना हैं। कथा संग्रह की प्रत्येक कहानी प्रभावित करती है और जीवन के प्रति लेखिका के एक बिल्कुल भिन्न दृष्टिकोण को सामने लाती है। ये कहानियाँ पाठकों को मानसिक रूप से उद्वेलित करती हैं और समाज की वास्तविकताओं तथा विसंगतियों के बारे में सोचने के लिये मज़बूर करती हैं।
- हिन्दी प्रचार संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अखिल शुक्ला ने कहा कि सामाजिक संदेश देती लेखिका की कहानियाँ जीवन के विभिन्न चरित्रों की वास्तविकता को प्रदर्शित करने वाली हैं। सभी कहानियाँ पठनीय और संदेशपरक हैं।
- वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. आशा शर्मा ने कहा कि सभी कहानियाँ भावप्रवण हैं और मानवीय संवेदनाओं को जगाने वाली हैं। समाज के किसी-न-किसी गंभीर विषय को उठाती ये कहानियाँ लेखिका की सामाजिक सरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।
- लेखिका आशा पाराशर ने अपनी पुस्तक के बारे में बताया कि अपनी कहानियों में उन्होंने शहरी मध्यवर्ग की कथाओं को ज़िंदा करने की कोशिश की है। उनकी कहानियाँ आम आदमी की संक्षिप्त आत्मकथाएँ हैं। उन्होंने बताया कि इस संग्रह में कुल 23 कहानियाँ हैं। हिन्दी कहानियों की यह उनकी प्रथम पुस्तक है।